Edited By Parveen Kumar,Updated: 29 Jul, 2025 12:22 AM

राष्ट्रीय राजधानी में रोहिणी के पूठ कलां में आवारा कुत्ते के काटने से रेबीज के कारण छह साल की बच्ची की मौत से निवासियों में आक्रोश फैल गया है। स्थानीय लोगों ने सोमवार को दावा किया कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने सड़कों से कुत्तों को पकड़ना तभी शुरू...
नेशनल डेस्क: राष्ट्रीय राजधानी में रोहिणी के पूठ कलां में आवारा कुत्ते के काटने से रेबीज के कारण छह साल की बच्ची की मौत से निवासियों में आक्रोश फैल गया है। स्थानीय लोगों ने सोमवार को दावा किया कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने सड़कों से कुत्तों को पकड़ना तभी शुरू किया जब उच्चतम न्यायालय ने इस घटना का स्वत: संज्ञान लिया। इससे पहले दिन में उच्चतम न्यायालय की एक पीठ ने इस बात पर प्रकाश डाला था कि दिल्ली और इसके बाहरी इलाकों में प्रतिदिन कुत्तों के काटने के सैकड़ों मामले सामने आते हैं, जिससे अक्सर रेबीज हो जाता है, और इससे बच्चे तथा बुजुर्ग लोग सबसे अधिक असुरक्षित होते हैं।
न्यायालय ने कहा, "हम इस खबर का स्वतः संज्ञान लेते हैं।" अदालत ने पूठ कलां में बच्ची की मौत को जनहित का मामला मानकर जांच का आदेश दिया था। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया उपलब्ध नहीं हो सकी।
बच्ची की पहचान छवि शर्मा के रूप में हुई है, जिसे घरवाले प्यार से 'बिट्टू' बुलाते थे। 30 जून को जब वह अपनी बुआ के घर जा रही थी, तभी एक आवारा कुत्ते ने उसे काट लिया। उसकी बुआ कृष्णा देवी ने बताया कि छवि खून से लथपथ रोती हुई उनके दरवाज़े पर आई थी। उसे तुरंत डॉ. बीआर आंबेडकर अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका एंटी-रेबीज टीकाकरण शुरू हुआ। पहली खुराक के बाद 3, 7 और 28 जुलाई को बाक़ी तीन इंजेक्शन दिए जाने थे। लेकिन 21 जुलाई को स्कूल से लौटने के बाद छवि को उल्टियां होने लगीं और उसकी हालत बिगड़ गई और 25 जुलाई को उसकी मौत हो गई।