Edited By Anu Malhotra,Updated: 12 Nov, 2025 04:44 PM

कोलेस्ट्रॉल बढ़ना अब तक हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और अन्य गंभीर बीमारियों का प्रमुख कारण माना जाता रहा है। आमतौर पर लोग इसे नियंत्रित करने के लिए नियमित दवाओं और लाइफस्टाइल बदलावों पर निर्भर रहते हैं। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने ऐसी नई ड्रग विकसित की...
नेशनल डेस्क: कोलेस्ट्रॉल बढ़ना अब तक हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और अन्य गंभीर बीमारियों का प्रमुख कारण माना जाता रहा है। आमतौर पर लोग इसे नियंत्रित करने के लिए नियमित दवाओं और लाइफस्टाइल बदलावों पर निर्भर रहते हैं। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने ऐसी नई ड्रग विकसित की है, जो सिर्फ एक डोज लेने पर ही बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को करीब 50 प्रतिशत तक कम कर सकती है।
यह शोध द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है। रिसर्च में बताया गया है कि सिंगल डोज जेनेटिक-एडिटिंग ट्रीटमेंट ने LDL और ट्राइग्लिसराइड्स दोनों को प्रभावी रूप से घटाया। इस नई थेरेपी का लक्ष्य मुख्य रूप से लिवर में मौजूद ANGPTL3 जीन को टारगेट करना है, जिससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर तेजी से कम हो सके।
रिसर्च में शामिल किए गए 15 मरीजों में से जिन लोगों को सामान्य दवाओं से लाभ नहीं मिला था, उन्हें यह सिंगल डोज ट्रीटमेंट दिया गया। परिणाम बेहद उत्साहजनक रहे: केवल एक डोज से ही उनके ब्लड कोलेस्ट्रॉल में 50 फीसदी तक की कमी देखी गई और यह असर लगभग 60 दिनों तक बना रहा।
वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर भविष्य में इसे बड़े पैमाने पर लागू किया गया, तो यह रोजाना की दवाओं की जगह एक ही डोज से कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। हालांकि, यह अभी शुरुआती चरण में है और सुरक्षा, लंबे समय तक असर और साइडइफेक्ट्स का व्यापक मूल्यांकन अभी बाकी है। रिसर्च के दौरान कुछ मरीजों में हल्के साइड इफेक्ट्स देखे गए, लेकिन कोई गंभीर खतरा सामने नहीं आया।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह इलाज कोलेस्ट्रॉल कम करने का एक बड़ा कदम है, लेकिन इसके साथ ही खानपान और हेल्दी लाइफस्टाइल पर ध्यान देना अभी भी जरूरी है।
कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से सबसे अधिक खतरा हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का होता है, क्योंकि यह नसों में जमकर ब्लॉकेज पैदा करता है। इस रिसर्च से उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में हार्ट और स्ट्रोक जैसी बीमारियों के जोखिम को कम करने में यह सिंगल डोज ट्रीटमेंट अहम साबित हो सकती है।