भारत में हार्ट अटैक से 31% मौतें...  56% मौतों का कारण है ये बिमारियां - बच्चों से लेकर जवानों तक पर मंडरा रहा है खतरा

Edited By Updated: 06 Sep, 2025 02:56 PM

heart diseases death report young people diseases cardiova tumors

भारत में दिल की बीमारियां अब सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं रह गई हैं। बीते कुछ सालों में 10 साल के बच्चों से लेकर जिम में वर्कआउट करते नौजवानों तक को हार्ट अटैक पड़ते देखा गया है। सोशल मीडिया पर लगभग हर हफ्ते ऐसे दिल दहला देने वाले वीडियो सामने आते...

नेशनल डेस्क: भारत में दिल की बीमारियां अब सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं रह गई हैं। बीते कुछ सालों में 10 साल के बच्चों से लेकर जिम में वर्कआउट करते नौजवानों तक को हार्ट अटैक पड़ते देखा गया है। सोशल मीडिया पर लगभग हर हफ्ते ऐसे दिल दहला देने वाले वीडियो सामने आते हैं, जो इस खतरे की गंभीरता को उजागर करते हैं। हाल ही में महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एक 10 साल के बच्चे की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई, जिससे पूरे देश में चिंता की लहर दौड़ गई है।

अब एक सरकारी रिपोर्ट ने इस डर को और गहरा कर दिया है। भारत के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे (SRS) के अनुसार, देश में होने वाली कुल मौतों में से करीब एक-तिहाई मौतें सिर्फ हार्ट अटैक के कारण हो रही हैं। यानी भारत में हर तीसरी मौत दिल से जुड़ी बीमारी की वजह से हो रही है।

कौन सी बीमारियां ले रही हैं सबसे ज्यादा जान?
इस रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि भारत में अब संक्रामक रोगों से ज्यादा जानलेवा साबित हो रहे हैं गैर-संक्रामक रोग (Non-communicable diseases - NCDs)। आंकड़ों के मुताबिक:-

दिल की बीमारियां (Heart Attack/Cardiovascular issues): 31% मौतें
सांस के संक्रमण (Respiratory Infections): 9.3%
कैंसर व ट्यूमर (Tumors): 6.4%
पुरानी सांस की बीमारियां (Chronic Respiratory Diseases): 5.7%
पाचन संबंधी समस्याएं: 5.3%
बुखार और वायरल इंफेक्शन: 4.9%
डायबिटीज (Diabetes Mellitus): 3.5%
मूत्र और जननांग तंत्र की बीमारियां: 3%
कुल मिलाकर, 56.7% मौतें अब नॉन-कम्युनिकेबल डिजीजेज यानी लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों की वजह से हो रही हैं।

हार्ट अटैक क्यों बन रहा है बड़ा खतरा?
एक वक्त था जब हार्ट अटैक सिर्फ बुजुर्गों की बीमारी मानी जाती थी, लेकिन अब यह तेजी से युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है – बदलती जीवनशैली। देर तक बैठकर काम करना, फिजिकल एक्टिविटी की कमी, अनियमित खानपान, जंक फूड का अत्यधिक सेवन और नींद की अनदेखी जैसी आदतें दिल पर बुरा असर डाल रही हैं।

कुछ रिपोर्ट्स में कोरोना वैक्सीन को भी हार्ट अटैक से जोड़ने की कोशिश की गई थी, लेकिन स्वास्थ्य एजेंसियों ने इसे खारिज किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के पीछे सबसे बड़ा हाथ लाइफस्टाइल डिसऑर्डर का है, न कि वैक्सीन का।

कैंसर भी कम घातक नहीं
दिल की बीमारियों के अलावा कैंसर भी भारत में एक प्रमुख जानलेवा बीमारी बनकर उभरा है। National Cancer Registry Programme की रिपोर्ट के अनुसार, 2015 से 2019 के बीच भारत में कैंसर के 7.08 लाख मामले दर्ज हुए, जिनमें से 2.06 लाख लोगों की जान चली गई। खासकर पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में कैंसर के मामले सबसे अधिक सामने आए हैं।

अब क्या किया जा सकता है?
इस alarming स्थिति से निपटने के लिए सिर्फ सरकारी योजनाएं काफी नहीं हैं। हर व्यक्ति को अपनी जीवनशैली में बदलाव लाने की जरूरत है:
नियमित व्यायाम करें
संतुलित और पौष्टिक आहार लें
समय पर सोएं और तनाव को कम करें
रेगुलर हेल्थ चेकअप कराएं
स्मोकिंग और अल्कोहल से दूरी बनाए रखें
दिल की सेहत को लेकर जागरूकता और सतर्कता अब सिर्फ विकल्प नहीं, बल्कि ज़रूरत बन चुकी है।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!