कैसे अजीत डोभाल ने नाकाम की दिल्ली को हिंसा की आग में धकेलने की साजिश, पढ़ें पूरी कहानी

Edited By Yaspal,Updated: 21 Dec, 2019 07:49 PM

how ajit doval thwarted conspiracy to push delhi into the fire of violence

जामिया नगर और सीलमपुर में जो हिंसक प्रदर्शन के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली और खुफियातंत्र पर सवाल उठने लगे थे। ये भी कहा जा रहा था कि आखिर अचानक से इतने लोग कैसे प्रदर्शन करने के लिए पहुंच गए। सबसे बड़ी नाकामयाबी दक्षिणी दिल्ली के न्यू

नेशनल डेस्कः जामिया नगर और सीलमपुर में जो हिंसक प्रदर्शन के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली और खुफियातंत्र पर सवाल उठने लगे थे। ये भी कहा जा रहा था कि आखिर अचानक से इतने लोग कैसे प्रदर्शन करने के लिए पहुंच गए। सबसे बड़ी नाकामयाबी दक्षिणी दिल्ली के न्यू फ्रेड्स कालोनी की सड़कों पर हुए पथराव को माना जा रहा था, ये वीआइपी इलाका है और यहां दिल्ली के नामी गिरामी लोग रहते हैं। ये पहला मौका था जब यहां के रहने वाले दंगा होने के बाद इतने डर गए।

शुक्रवार को दिल्ली में जुम्मे की नमाज अदा होवने के बाद पूरा दिन शांति से गुजर जाने के बाद शाम को दूसरे राउंड में जब फिर सैकड़ों लोगों की भीड़ दरियागंज की सड़कों से होते हुए दिल्ली गेट की ओर बढ़ी तब भी काफी हद तक शांति थी, मगर जब इस भीड़ में शामिल उपद्रवियों ने थाने के बाहर खड़ी कार को आग के हवाले कर दिया और पुलिस पर पथरवा शुरू कर दिया तब पुलिस का धैर्य जवाब दे गया और इसके बाद पुलिस ने वाटर कैनन, आंसू गैस के गोले दागे। इसके बावजूद प्रदर्शनकारी वहां से हटने को तैयार नहीं थे। तब पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठियां भांजना शुरू कीं और भीड़ को दूर तक खदेड़ा और मामला शांत किया।
PunjabKesari
डोभाल के साथ दिल्ली पुलिस की सीक्रेट मीटिंग
इन दोनों घटनाओं से सबक लेते हुए एनएसए अजीत डोभाल ने कुछ दिन पहले इमरजेंसी मीटिंग बुलाई, इस मीटिंग में दिल्ली पुलिस के टॉप अफसरों, स्पेशल सेल, साइबर सेल, लॉ एंड ऑर्डर और क्राइम ब्रांच के तमाम अधिकारी मौजूद रहे। इसी मीटिंग में वो इलाके चिन्हित किए गए जहां पर शुक्रवार यानि जुम्मे के दिन हंगामा होने के आसार थे।

इन सब इलाकों को चिन्हित करने के बाद ये तय किया गया कि एक तो सभी को बड़ी मस्जिदों में चेक करने के बाद नमाज पढ़ने के लिए अंदर जाने दिया जाए, दूसरे जब नमाज अता हो जाए उसके बाद दिल्ली पुलिस के सिपाही भी इन लोगों की भीड़ का हिस्सा रहें जिससे यदि इस भीड़ में से कोई उपद्रव करने की कोशिश करें तो उसे तुरंत रोका जा सके। इनके पास जरूरी सामान भी हो और सभी एक दूसरे से इतनी दूरी पर रहें जिससे मौका पड़ने पर वो तुरंत एक दूसरे की मदद कर सकें।
PunjabKesari
एनएसए अजीत डोभाल के साथ हुई मीटिंग के बाद इसी रणनीति पर काम किया गया। जिन जगहों पर उपद्रव हो रहा था, उन दोनों जगहों पर गुरूवार और शुक्रवार को इसी रणनीति के तहत काम किया गया जिससे स्थितियां कुछ कंट्रोल में रहीं। सीनियर अफसरों ने प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक भीड़ पर नजर रखने के लिए सादे कपड़ों में पुलिस वालों की इंट्री करा दी, ताकि हिंसा भड़काने वालों की उसी समय न सिर्फ पहचान की जाए, बल्कि उनके खिलाफ पुख्ता सबूत जुटा कर बाद में सख्त कार्रवाई की जा सके। साथ ही ये निर्देश भी दिए गए कि मोबाइल से रिकार्डिंग करते रहें, फोटो खींचते रहे। यदि जरूरत पड़े तो एक दूसरे की मदद के लिए तुरंत पहुंच जाएं। मगर अपनी पहचान को गुप्त बनाए रखें। 

पीठ पर लदा पिठ्ठू बैग, हाथ में झंडा और हो गए शामिल
इसी रणनीति के तहत शुक्रवार को जामा मस्जिद, सीलमपुर, जाफराबाद, मुस्तफाबाद, दरियागंज जैसे इलाकों में पुलिसवाले सादे कपड़ों में आम लोगों की तरह पीठ पर पिठ्ठू बैग लटकाए प्रदर्शनकारियों के बीच शामिल रहे। इनमें से कई लोगों के हाथ में झंडा था तो कई के हाथ में बैनर। कुछ महिला पुलिसकर्मी भी इसी तरह से महिलाओं की टोली में शामिल रहीं। इनके बैग में मोबाइल चार्जर, एक्सट्रा पावर बैंक और कुछ अन्य जरूरी सामान था जिससे जरूरत पड़ने पर भीड़ को काबू करने, किसी को पकड़ने में कोई समस्या न होने पाएं। इसी के साथ हिंसा फैलाने की बात उठने पर उसके बारे में तुरंत ही अफसरों को अलर्ट करना शामिल था। इस वजह से कुछ इलाकों में उपद्रव नहीं हो सका।
PunjabKesari
अपनाई गई इजराइली रणनीति
अब से पहले तक ऐसी रणनीति कभी नहीं अपनाई गई। बताया जाता है कि ऐसी रणनीति इजराइल में अपनाई जाती है। जहां हिंसा पर उतारू प्रदर्शनकारियों के बीच इजराइली कमांडो उनका हुलिया बनाकर घुस जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस तरह के हालात को हैंडल करने में डोभाल की ओर से दी गई टिप्स दिल्ली पुलिस के लिए काफी काम कर गई, जिसकी वजह से जितनी भीड़ दिख रही थी, उस हिसाब से हंगामा नहीं हो पाया।

यदि पुलिस ने दिन में इन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कुछ कर दिया होता तो हालात पर काबू पाना मुश्किल होता। इसी मीटिंग में ये भी कहा गया था कि समुदाय विशेष के लोगों को मस्जिद के आसपास डयूटी में लगाया जाए, उनको धैर्य रखने के लिए भी निर्देश दिए गए थे, साथ ही ये भी कहा गया था कि प्रदर्शन करने वाले किसी भी तरह से उनको उकसाने की कोशिश करें मगर वो उनके उकसावे में न आएं। यदि उकसावे में आए तो हालात खराब हो जाएंगे।
PunjabKesari
400 से अधिक पुलिसकर्मी रहे शामिल
मीटिंग के बाद मिले टिप्स के आधार पर पहले दिन लगभग 200 पुलिसकर्मियों को इनके बीच में लगाया गया, चूंकि शुक्रवार को जुमे की नमाज में बड़े पैमाने पर लोग शामिल होते हैं इस वजह से उस दिन 400 पुलिसकर्मी लगाए गए थे। इन सभी को सूचनाएं देने के लिए लगाया गया था। इन सूचनाओं के आधार पर पुलिस भी अपने एक्शन प्लान को अपडेट करती रही मगर अंधेरा होने के बाद उपद्रवियों ने हंगामा कर ही दिया और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।  

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!