Edited By Harman Kaur,Updated: 04 Aug, 2025 03:23 PM

भारत में कैंसर को लेकर लापरवाही गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचान लिया जाए, तो समय रहते इसका उपचार संभव है। लेकिन अक्सर लोग इन लक्षणों को मामूली समझ कर अनदेखा कर देते हैं, जिससे बीमारी...
नेशनल डेस्क: भारत में कैंसर को लेकर लापरवाही गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचान लिया जाए, तो समय रहते इसका उपचार संभव है। लेकिन अक्सर लोग इन लक्षणों को मामूली समझ कर अनदेखा कर देते हैं, जिससे बीमारी दूसरी या तीसरी स्टेज में पकड़ में आती है।
शुरुआती लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी
वरिष्ठ ऑंकोलॉजिस्ट के मुताबिक, कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। इसके शुरुआती लक्षण जैसे- लगातार खांसी, अचानक वजन घटना, शरीर में गांठ या सूजन, त्वचा में बदलाव, थकान, भूख में कमी और निगलने में परेशानी- सामान्य नहीं हैं और इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
'लक्षण दिखें तो तुरंत जांच कराएं'
डॉक्टर का कहना है कि अगर दो सप्ताह से अधिक समय से खांसी बनी हुई है, आवाज में बदलाव आ गया है, बिना कारण वजन घट रहा है या किसी भी अंग में दर्द और सूजन है तो ये कैंसर की चेतावनी हो सकते हैं।" उन्होंने बताया कि शरीर में मौजूद कोशिकाएं जब अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं, तो वह कैंसर में बदल जाती हैं।
कैंसर के पीछे लाइफस्टाइल और जेनेटिक कारण
डॉ. के अनुसार, शराब, धूम्रपान, अधिक प्रोसेस्ड फूड और मैदे का सेवन कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, कई मामलों में यह रोग अनुवांशिक भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि भारत में अधिकतर कैंसर मरीज अंतिम स्टेज में सामने आते हैं, जिसका मुख्य कारण जागरूकता की कमी और मेडिकल जांच में देरी है।
समय पर इलाज से कैंसर को रोका जा सकता है
विशेषज्ञों का मानना है कि शुरुआती स्टेज में कैंसर का पूरी तरह से इलाज संभव है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि लोग शरीर में आने वाले बदलावों को गंभीरता से लें और समय पर डॉक्टर से संपर्क करें। जागरूकता ही इस गंभीर बीमारी से लड़ने का सबसे बड़ा हथियार है।