Edited By Mehak,Updated: 03 Nov, 2025 06:26 PM

छोटे बच्चों में आमतौर पर पसीना नहीं आता क्योंकि उनके स्वेट ग्लैंड्स पूरी तरह विकसित नहीं होते। लेकिन अगर बच्चा दूध पीते या सोते समय बार-बार पसीना बहाने लगे तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। यह स्थिति हार्ट प्रॉब्लम, थायराइड असंतुलन,...
नेशनल डेस्क : अक्सर हम देखते हैं कि वयस्कों को धूप में या मेहनत के काम के दौरान पसीना आता है, लेकिन छोटे बच्चों की त्वचा हमेशा सूखी और फ्रेश रहती है। क्या आपने कभी सोचा है ऐसा क्यों होता है? आइए जानते हैं इसके पीछे की वैज्ञानिक वजह।
बच्चों का बॉडी मैकेनिज्म होता है अलग
दरअसल, छोटे बच्चों का शरीर बड़ों की तुलना में अलग तरीके से काम करता है। उनके स्वेट ग्लैंड्स (पसीने की ग्रंथियां) पूरी तरह विकसित नहीं होते, जिसके कारण उनकी बॉडी बहुत कम या बिल्कुल भी पसीना नहीं छोड़ती। यही वजह है कि बच्चों का शरीर अधिकतर समय ड्राई रहता है।
पसीना आना बच्चों में बीमारी का संकेत
अगर किसी बच्चे को बार-बार या अत्यधिक पसीना आता है, तो यह सामान्य नहीं है। डॉक्टरों के अनुसार, बच्चे को दूध पीते या सोते समय पसीना आना किसी क्रोनिक बीमारी (दीर्घकालिक रोग) का संकेत हो सकता है।
हो सकती हैं ये बीमारियां
विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसे मामलों में बच्चे को हार्ट प्रॉब्लम, इंफेक्शन, मेटाबॉलिक या एंडोक्राइन डिसऑर्डर होने की संभावना रहती है। इसके अलावा यह स्थिति थायराइड हार्मोन के असंतुलन या सिस्टिक फाइब्रोसिस (एक रेस्पिरेटरी डिसऑर्डर) की वजह से भी हो सकती है।
क्या करें माता-पिता?
अगर बच्चे को बार-बार पसीना आता है, विशेषकर दूध पीते या सोते समय, तो इसे हल्के में न लें। ऐसे में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए ताकि समय रहते सही जांच और इलाज शुरू किया जा सके।