AI से बदलेगा भारत का भविष्य! अगले 10 साल में 44 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ सकती है अर्थव्यवस्था, नीति आयोग की रिपोर्ट में बड़े दावे

Edited By Updated: 16 Sep, 2025 12:41 PM

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अब तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को सिर्फ एक तकनीकी टूल के तौर पर देखा जाता रहा है, लेकिन भारत में यह अब एक नई क्रांति की भूमिका निभाने जा रहा है। नीति आयोग की एक ताजा रिपोर्ट में यह साफ किया गया है कि यदि देश ने समय रहते AI को सही दिशा और रणनीति...

नेशनल डेस्क: अब तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को सिर्फ एक तकनीकी टूल के तौर पर देखा जाता रहा है, लेकिन भारत में यह अब एक नई क्रांति की भूमिका निभाने जा रहा है। नीति आयोग की एक ताजा रिपोर्ट में यह साफ किया गया है कि यदि देश ने समय रहते AI को सही दिशा और रणनीति के साथ अपनाया, तो यह न केवल आर्थिक विकास की रफ्तार को तेज कर सकता है, बल्कि भारत को वैश्विक आर्थिक मंच पर भी मजबूती से स्थापित कर सकता है।

2035 तक GDP को मिलेगा 500-600 अरब डॉलर का बूस्ट
रिपोर्ट के अनुसार, AI की मदद से भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 2035 तक 500 से 600 अरब डॉलर (लगभग ₹44 लाख करोड़) तक की वृद्धि हो सकती है। यानी आने वाले 10 सालों में AI भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक इंजन की तरह काम करेगा, जो न केवल गति बढ़ाएगा, बल्कि नई ऊंचाइयों तक भी ले जाएगा।

AI सिर्फ तकनीक नहीं, बल्कि बदलाव की चाबी
नीति आयोग ने इसे केवल एक तकनीकी सुधार न मानकर "गेम चेंजर" बताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि AI के उपयोग से उत्पादकता (Productivity) और कार्यक्षमता (Efficiency) में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी, जिससे हर सेक्टर में बदलाव देखने को मिलेगा — चाहे वह शिक्षा हो, स्वास्थ्य, कृषि, मैन्युफैक्चरिंग या फिर बैंकिंग।

ग्लोबल AI इकोनॉमी में भारत की बड़ी भूमिका संभव
AI के जरिए वैश्विक अर्थव्यवस्था में आने वाले एक दशक में 17 से 26 ट्रिलियन डॉलर तक का असर पड़ने की संभावना है। नीति आयोग की मानें तो भारत इस वैश्विक AI बाजार में 10 से 15% हिस्सेदारी हासिल कर सकता है, जो दुनिया की सबसे बड़ी AI इकॉनमी में देश को गिनती में ला देगा।

STEM टैलेंट और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर बनेंगे ताकत
भारत के पास पहले से ही STEM (Science, Technology, Engineering, Mathematics) फील्ड में मजबूत मानव संसाधन है। साथ ही, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से विकसित हो रहा है — जिससे भारत AI तकनीक को अपनाने और उस पर आधारित इनोवेशन करने के लिए पूरी तरह तैयार दिख रहा है।

AI से नौकरियों में बदलाव तय
हालांकि रिपोर्ट में यह चेतावनी भी दी गई है कि AI का प्रसार जहां नए रोजगार के अवसर लाएगा, वहीं कम कौशल वाली पारंपरिक नौकरियों पर इसका प्रतिकूल असर भी देखने को मिलेगा। खासकर रूटीन, डाटा एंट्री, क्लेरिकल व बैक-ऑफिस जैसी नौकरियों में कटौती की आशंका जताई गई है।

बैंकिंग और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को होगा बड़ा लाभ
AI से सबसे बड़ा प्रभाव वित्तीय सेवाओं (बैंकिंग, इंश्योरेंस आदि) और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में देखने को मिलेगा। अनुमान है कि इन क्षेत्रों से GDP में कुल 20 से 25% का योगदान आ सकता है। अकेले बैंकिंग सेक्टर में AI की वजह से 50-55 अरब डॉलर, जबकि मैन्युफैक्चरिंग से 85-100 अरब डॉलर की अतिरिक्त आय संभव मानी जा रही है।

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