भारत का आतंक के खिलाफ महायुद्धः पाकिस्तान पर फिर बरसेगा हथौड़ा, सिंदूर-2 का बजा सायरन !

Edited By Updated: 01 Jun, 2025 03:15 PM

india prepares for operation sindoor 2

ऑपरेशन सिंदूर पार्ट-2 को लेकर हाल ही में कई महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आए हैं, जो भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव की ओर संकेत करते हैं। हाल के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स...

International Desk: ऑपरेशन सिंदूर पार्ट-2 को लेकर हाल ही में कई महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आए हैं, जो भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव की ओर संकेत करते हैं। हाल के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स और रक्षा सूत्रों के अनुसार, भारत ने ऑपरेशन सिंदूर पार्ट-2 की तैयारियाँ तेज़ कर दी हैं। ऑपरेशन सिंदूर पार्ट-2   भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति का एक और मजबूत कदम है । ऑपरेशन सिंदूर पार्ट-2 अभी आधिकारिक रूप से सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन सुरक्षा और रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार यह एक गुप्त, निर्णायक और तकनीकी रूप से अत्याधुनिक अभियान माना जा रहा है। इसका उद्देश्य पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को गहराई तक जाकर खत्म करना है।


इसी क्रम में भारत के कई राज्यों में फिर से मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस ऑपरेशन का उद्देश्य पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाना है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहाँ से भारत में आतंकी गतिविधियाँ संचालित होती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक जनसभा में कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में कोई समझौता नहीं करेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है और भविष्य में किसी भी आतंकी गतिविधि का माकूल जवाब दिया जाएगा। भारत ने अपनी रक्षा तैयारियों को और मजबूत किया है। रक्षा मंत्री और सेना प्रमुखों के साथ उच्च स्तरीय बैठकें हो रही हैं, जिसमें संभावित ऑपरेशन सिंदूर पार्ट-2 की रणनीति पर चर्चा की जा रही है। इसके तहत सीमा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ाई गई है और वायुसेना को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है।


सिंदूर पार्ट-2 में  कौन-कौन से हथियार हो सकते  शामिल?

 मेटियोर मिसाइल (Meteor): यह अल्ट्रा लॉन्ग रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल है जो राफेल लड़ाकू विमानों से दागी जाती है। दुश्मन के विमानों को 150 किलोमीटर से ज्यादा दूरी से सटीक निशाना बना सकती है।

स्काईस्ट्राइकर ड्रोन: एक लो-ऑब्जर्वेबल और आत्मघाती ड्रोन, जिसे "हंटर-किलर" भी कहा जाता है।दुश्मन के कैम्प, रडार, कम्युनिकेशन बेस पर सटीक हमला कर खुद को विस्फोटित कर देता है।

स्पाइस 2000 ग्लाइड बम: यह सैटेलाइट-गाइडेड ग्लाइड बम है, जो बिना दुश्मन की सीमा में घुसे 70 किलोमीटर दूर से निशाना लगा सकता है। बालाकोट एयरस्ट्राइक में इसका इस्तेमाल किया गया था।

एक्सकैलिबर आर्टिलरी शेल्स (Excalibur): ये प्रिसिशन गाइडेड टैंक और तोप के गोले हैं। इनसे भारतीय सेना LOC पर बंकर, लॉन्च पैड और टनलों को बेहद सटीकता से ध्वस्त कर सकती है।

हैमर और स्कैल्प मिसाइलें:  हैमर (HAMMER) का इस्तेमाल पहले सिंदूर-1 में राफेल फाइटर से हुआ था। SCALP एक लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल है जो 500 किमी दूर लक्ष्य को भेद सकती है।
 

भारत के इस रुख पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भी नजर है। कुछ देशों ने भारत के आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख का समर्थन किया है, जबकि कुछ ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। ऑपरेशन सिंदूर पार्ट-2 की तैयारियाँ यह दर्शाती हैं कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपने रुख में कोई ढील नहीं देना चाहता। हालांकि, इस ऑपरेशन की आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है, लेकिन रक्षा तैयारियों और राजनीतिक बयानों से संकेत मिलते हैं कि भारत किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
   

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