Edited By Shubham Anand,Updated: 29 Dec, 2025 07:36 PM

IMF ने पाकिस्तान के लिए 1.29 बिलियन डॉलर का नया कर्ज मंजूर किया है, जिसके बाद पाकिस्तान पर भारत के पुराने बकाये की चर्चा तेज हो गई है। हकीकत यह है कि भारत पाकिस्तान को कोई नया लोन नहीं देता, लेकिन 1947 के बंटवारे के समय का लगभग 300 करोड़ रुपये का...
इंटरनेशनल डेस्क : इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (IMF) ने पाकिस्तान के भीतर बढ़ते भ्रष्टाचार और कमजोर प्रशासनिक व्यवस्था पर कड़ी टिप्पणी करने के बावजूद उसे “मैक्रो-क्रिटिकल” बताते हुए 1.29 बिलियन डॉलर का नया कर्ज मंजूर कर दिया है। इस फैसले के बाद भारत में एक बार फिर यह सवाल उठने लगा है कि क्या भारत भी पाकिस्तान को किसी तरह का कर्ज या आर्थिक मदद देता है। साथ ही यह चर्चा भी तेज हो गई है कि अगर ऐसा है, तो पाकिस्तान पर भारत का कितना कर्ज बकाया है।
भारत पाकिस्तान को कोई नया लोन नहीं देता
वास्तविकता यह है कि भारत पाकिस्तान को किसी भी प्रकार का नया लोन या वित्तीय सहायता नहीं देता। दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों में आई गिरावट के बाद भारत ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी प्रत्यक्ष वित्तीय मदद पूरी तरह बंद कर दी है। वर्तमान में भारत से पाकिस्तान को न तो कोई क्रेडिट लाइन उपलब्ध है, न ही किसी तरह का सहायता पैकेज या विकास ऋण दिया जा रहा है।
बंटवारे के समय से चला आ रहा है पुराना बकाया
हालांकि पाकिस्तान पर भारत का एक पुराना कर्ज आज भी बकाया है, जो वर्ष 1947 के बंटवारे के समय से जुड़ा हुआ है। देश के विभाजन के दौरान हुए वित्तीय समझौतों के तहत पाकिस्तान को भारत को कुछ भुगतान करने थे। भारत सरकार के बजट दस्तावेजों, जिनमें केंद्रीय बजट 2021-22 भी शामिल है, के अनुसार पाकिस्तान पर भारत का लगभग 300 करोड़ रुपये का बकाया आज भी दर्ज है। हैरानी की बात यह है कि दशकों बीत जाने के बावजूद यह राशि अब तक चुकाई नहीं गई है।
IMF और वैश्विक वित्तीय संस्थानों में भारत की भूमिका
हालांकि भारत पाकिस्तान को सीधे तौर पर कोई लोन नहीं देता, लेकिन वह उन अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों का अहम सदस्य है, जिनसे पाकिस्तान बड़े पैमाने पर कर्ज लेता रहा है। भारत IMF, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक (ADB) का सदस्य है और इन मंचों पर पाकिस्तान को दिए जाने वाले कर्ज को लेकर कई बार आपत्तियां दर्ज करा चुका है। भारत ने विश्व बैंक और ADB में पाकिस्तान के लिए प्रस्तावित बड़े फंडिंग प्रोजेक्ट्स और अरबों डॉलर के सहायता पैकेजों पर भी विरोध जताया है। हालांकि भारत के पास इन लोन को सीधे रोकने या वीटो करने की शक्ति नहीं है, लेकिन उसकी आपत्तियों को औपचारिक रूप से रिकॉर्ड में दर्ज किया जाता है।
पाकिस्तान की कर्ज स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही
पाकिस्तान की समग्र आर्थिक स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है। 2025 तक पाकिस्तान का कुल विदेशी कर्ज बढ़कर करीब 130 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। इस भारी कर्ज का एक बड़ा हिस्सा चीन का है, जिस पर पाकिस्तान का लगभग 26.5 बिलियन डॉलर बकाया है। इसके अलावा IMF, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थान भी पाकिस्तान के प्रमुख कर्जदाता हैं। लगातार बढ़ते कर्ज और कमजोर अर्थव्यवस्था के चलते पाकिस्तान की वित्तीय स्थिरता पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।