CJI गवई की दो टूक: 'भारत बुलडोजर से नहीं, संविधान से चलता है', हर नागरिक कानून के अधीन

Edited By Updated: 03 Oct, 2025 09:22 PM

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मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने कहा कि भारत कानून के राज पर चलता है, सत्ता की मनमानी नहीं। मॉरीशस में ‘रूल ऑफ लॉ मेमोरियल लेक्चर’ में उन्होंने संविधान, न्याय और पारदर्शिता पर जोर दिया। गवई ने महात्मा गांधी और डॉ. भीमराव अंबेडकर की सोच को याद करते हुए...

नेशनल डेस्क: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने स्पष्ट किया है कि भारत एक ऐसा देश है जो 'कानून के राज' (Rule of Law) में विश्वास रखता है। उन्होंने कहा कि यहाँ शासन मनमानी या ताकत से नहीं, बल्कि संविधान और कानून के सिद्धांतों पर चलता है। CJI गवई मॉरीशस में आयोजित 'रूल ऑफ लॉ मेमोरियल लेक्चर' में बोल रहे थे, जहाँ उन्होंने भारत और मॉरीशस के गहरे ऐतिहासिक और लोकतांत्रिक संबंधों पर जोर दिया।

संविधान ही सर्वोच्च, मनमानी नहीं
जस्टिस गवई ने अपने संबोधन में कहा कि "कानून का राज" सुनिश्चित करता है कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह आम नागरिक हो या सत्ताधारी, कानून से ऊपर नहीं है और सभी को इसका पालन करना होगा। उन्होंने स्वीकार किया कि इतिहास में गुलामी जैसे औपनिवेशिक कानूनों के माध्यम से कानून का नाम लेकर अन्याय भी हुआ है, लेकिन असली कानून वह है जो न्याय, बराबरी और इंसाफ की रक्षा करता है। उन्होंने बल देकर कहा कि कानून ही ताकत है, न कि सत्ता की मनमानी।

गांधी और अंबेडकर के सिद्धांतों का जिक्र
CJI ने 'कानून के राज' को मजबूत करने के लिए भारतीय विचारकों के योगदान को याद किया:

महात्मा गांधी: उन्होंने कहा कि कोई भी निर्णय लेने से पहले यह सोचना चाहिए कि उसका सबसे गरीब और समाज के आखिरी व्यक्ति पर क्या असर पड़ेगा।

डॉ. भीमराव अंबेडकर: उन्होंने संविधान में निर्धारित नियमों और प्रक्रियाओं पर जोर दिया, जिनका उद्देश्य सत्ता के दुरुपयोग को रोकना और हर व्यक्ति को न्याय दिलाना है।

गवई ने सुप्रीम कोर्ट के कुछ ऐतिहासिक फैसलों का जिक्र किया

केशवानंद भारती केस (1973): कोर्ट ने कहा कि संसद संविधान की मूल संरचना को बदल नहीं सकती।

मेनका गांधी केस (1978): किसी भी कानून को न्यायसंगत, निष्पक्ष और तार्किक होना चाहिए।

ट्रिपल तलाक मामला (2017): कोर्ट ने इसे असंवैधानिक और मनमाना बताया।

एलेक्टोरल बॉन्ड मामला (2024): राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने में पारदर्शिता जरूरी है।

"बुलडोजर से नहीं, संविधान से चलेगा भारत"
CJI गवई ने अपने हालिया फैसलों का हवाला देते हुए एक सख्त संदेश दिया। उन्होंने कहा कि बिना किसी सुनवाई और कानूनी प्रक्रिया के किसी भी नागरिक का घर बुलडोजर से गिराना कानून के राज के विपरीत है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, "भारत बुलडोजर के राज से नहीं, बल्कि कानून के राज से चलता है।"

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