लेह हिंसा के बाद सरकार का एक्शन, सोनम वांगचुक की NGO SECMOL का लाइसेंस रद्द

Edited By Updated: 25 Sep, 2025 08:14 PM

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केंद्र सरकार ने सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक की NGO SECMOL का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया है। गृह मंत्रालय की जांच में पाया गया कि संस्था ने विदेशी चंदे और फंड का सही हिसाब नहीं रखा और FCRA नियमों का उल्लंघन किया। अब SECMOL केवल स्थानीय फंड से काम कर...

नेशनल डेस्क : केंद्र सरकार ने सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक की NGO SECMOL का एफसीआरए (FCRA) लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह कार्रवाई लेह हिंसा के बाद गृह मंत्रालय द्वारा की गई। मंत्रालय के अनुसार, SECMOL ने विदेशी चंदों और फंड का सही हिसाब नहीं रखा और FCRA कानून का उल्लंघन किया, जिसके चलते अब संस्था को विदेशी फंड प्राप्त करने का अधिकार नहीं रहेगा।

विदेशी चंदे और फंड का सही खुलासा नहीं
गृह मंत्रालय की जांच में पता चला कि SECMOL ने 3.35 लाख रुपये को विदेशी दान के रूप में दिखाया, जबकि वास्तविक में यह राशि पुरानी बस बेचने से प्राप्त हुई थी। यह राशि न तो FCRA खाते में जमा हुई और न ही सही तरीके से खुलासा किया गया। साल 2020-21 में 54,600 रुपये स्थानीय फंड गलती से FCRA खाते में जमा हो गए, जिसे संस्था ने भारतीय वॉलंटियर्स के भोजन और आवास खर्च के लिए लिया बताया।

इसके अलावा, एक विदेशी संस्था से 4.93 लाख रुपये प्राप्त हुए थे, जिन्हें कोविड-19 लॉकडाउन के कारण कार्यक्रम रद्द होने पर वापस कर दिया गया। मंत्रालय ने कहा कि FCRA कानून में विदेशी फंड वापस करने का कोई प्रावधान नहीं है। 2020-21 में 79,200 रुपये संस्था ने वेतन और स्टाइपेंड से काटकर “फूड फीस” के रूप में दिखाया, जो मंत्रालय के अनुसार पारदर्शी और नियमों के अनुरूप नहीं था।

FCRA की धारा का उल्लंघन
गृह मंत्रालय ने पाया कि SECMOL ने बार-बार FCRA की धारा 8(1)(a), 17, 18 और 19 का उल्लंघन किया है। इसी कारण मंत्रालय ने संस्था का FCRA रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। अब SECMOL केवल स्थानीय फंड और भारतीय स्रोतों से ही वित्तीय मदद जुटा सकेगी।

लेह हिंसा और वांगचुक का अनशन
इससे पहले लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर छात्रों ने प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिसमें 4 लोगों की मौत हुई और 70 से अधिक घायल हुए। छात्र सोनम वांगचुक के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे थे, जो 10 सितंबर से भूख हड़ताल पर थे। हिंसा के बाद वांगचुक ने अपना अनशन तोड़ दिया।

केंद्रीय एजेंसियां, जैसे ED, SECMOL के खिलाफ FEMA के तहत भी जांच शुरू कर सकती हैं। गृह मंत्रालय का कहना है कि नियमों का पालन करना सभी NGOs के लिए अनिवार्य है और विदेशी फंड के इस्तेमाल में पारदर्शिता सुनिश्चित करनी होगी।

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