राजनाथ सिंह ने कहा- भारत अपने नागरिकों, अखंडता की रक्षा के लिए किसी भी सीमा को पार कर जाएगा

Edited By Updated: 03 Oct, 2025 05:16 PM

india will cross any border to protect its citizens and integrity says rajnath

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने 2016 की ‘सर्जिकल स्ट्राइक', 2019 के बालाकोट हवाई हमले और हाल में किए गए ऑपरेशन सिंदूर के जरिए यह दिखा दिया है कि देश अपने नागरिकों की रक्षा और भारत की एकता...

नेशनल डेस्क: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने 2016 की ‘सर्जिकल स्ट्राइक', 2019 के बालाकोट हवाई हमले और हाल में किए गए ऑपरेशन सिंदूर के जरिए यह दिखा दिया है कि देश अपने नागरिकों की रक्षा और भारत की एकता एवं अखंडता की रक्षा के लिए आवश्यकता पड़ने पर किसी भी सीमा को पार कर सकता है। सिंह ने जैन अंतरराष्ट्रीय व्यापार संगठन (जीतो) द्वारा यहां आयोजित ‘जीतो कनेक्ट' में कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले में निर्दोष लोगों को उनके धर्म के आधार पर मार दिया गया लेकिन भारत ने पाकिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ हमले करते समय किसी को धर्म के आधार पर निशाना नहीं बनाया।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने पहलगाम आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा देने के मकसद से आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया। हमने वहां किसी भी सैन्य या असैन्य प्रतिष्ठान पर हमला नहीं किया। अगर हम चाहते तो हम ऐसा पहले भी कर सकते थे लेकिन हमने ऐसा नहीं किया।'' सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार सैन्य और आर्थिक शक्ति बढ़ाने पर जोर प्रभुत्व हासिल करने के लिए नहीं, बल्कि धर्म, आस्था एवं मानवीय मूल्यों में निहित उन आदर्शों की रक्षा के लिए दे रही है जो भगवान महावीर की शिक्षाओं में प्रतिबिम्बित होते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जब भारत के गौरव और सम्मान की बात आती है तो हमने कभी समझौता नहीं किया। चाहे वह 2016 की ‘सर्जिकल स्ट्राइक' हो, 2019 के हवाई हमले हों या 2025 का ऑपरेशन सिंदूर, हमने साबित कर दिया है कि भारत की एकता एवं अखंडता के लिए और हर नागरिक के जीवन एवं देश की रक्षा के लिए, जब भी जरूरत होगी, हम किसी भी सीमा को पार कर जाएंगे।'' मंत्री ने रक्षा निर्यात को लेकर कहा कि जब 11 साल पहले राजग सरकार ने सत्ता संभाली थी तब देश का निर्यात लगभग 600 करोड़ रुपये था जो अब बढ़कर 24,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।

उन्होंने अनुमान लगाया कि 2029 तक यह आंकड़ा 50,000 करोड़ रुपये को पार कर जाएगा। सिंह ने आत्मनिर्भरता की दिशा में देश के बढ़ते कदमों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विदेशों पर निर्भरता लगातार कम हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही ‘हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड' (एचएएल) के साथ 97 हल्के लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए एक समझौता कर चुकी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘लोकल फॉर ग्लोबल' और ‘वोकल फॉर लोकल' के नारे का जिक्र करते हुए कहा कि देश अब ‘‘खिलौनों से लेकर टैंक तक'' उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला का उत्पादन कर रहा है।

सिंह ने कहा, ‘‘भारत दुनिया का विनिर्माण केंद्र बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है। वह दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया का कारखाना बनकर उभरेगा।'' उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि भारत 2030 तक 7.3 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर के अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद के साथ तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। सिंह ने राष्ट्रीय विकास में जैन समुदाय के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि जैन समुदाय भारत की कुल आबादी का मात्र 0.5 प्रतिशत है लेकिन कुल कर संग्रह में उसका योगदान 24 प्रतिशत है। उन्होंने कहा, ‘‘चाहे औषधि क्षेत्र हो, विमानन हो या शिक्षा क्षेत्र, जैन अपने अनुशासित और मूल्य-आधारित जीवन के कारण अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।'' केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी, तेलंगाना के आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) एवं उद्योग मंत्री डी श्रीधर बाबू, भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष एन रामचंदर राव भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

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