Edited By Yaspal,Updated: 09 Jul, 2020 06:11 PM
कोरोना काल में इंडियन रेलवे एक के बाद एक नई उपलब्धि अपने नाम कर रहा है। अब ट्रेन के इंजन को दौड़ाने के क्षेत्र के इंजन को दौड़ाने के क्षेत्र में रेलवे ने एक कदम और आगे बढ़ाया है। भारतीय रेल ने बैटरी से चलने वाले इंजन को बनाया है और इसका सफल परीक्षण...
नई दिल्लीः कोरोना काल में इंडियन रेलवे एक के बाद एक नई उपलब्धि अपने नाम कर रहा है। अब ट्रेन के इंजन को दौड़ाने के क्षेत्र के इंजन को दौड़ाने के क्षेत्र में रेलवे ने एक कदम और आगे बढ़ाया है। भारतीय रेल ने बैटरी से चलने वाले इंजन को बनाया है और इसका सफल परीक्षण भी किया है यानी कुछ ही दिनों में अब पटरियों पर बैटरी से चलने वाली ट्रेनें नजर आ सकती है।
रेलवे के मुताबिक इस इंजन का निर्माण बिजली और डीजल की खपत को बचाने के लिए किया गया है। इंडियन रेलवे ने बताया कि पश्चिम मध्य रेल के जबलपुर मंडल में बैटरी से चलने वाले ड्यूल मोड शंटिंग लोको 'नवदूत' का निर्माण किया गया है, जिसका परीक्षण सफल रहा है। बैटरी से ऑपरेट होने वाला यह लोको, डीजल की बचत के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण में एक बड़ा कदम होगा। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर कहा, 'बैटरी से ऑपरेट होने वाला यह लोको एक उज्ज्वल भविष्य का संकेत है, जो डीजल के साथ विदेशी मुद्रा की बचत और पर्यावरण संरक्षण में एक बड़ा कदम होगा।
हाल ही में रेलवे ने सोलर पावर की बिजली से ट्रेनों को दौड़ाने की बात कही है। रेलवे ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। मध्य प्रदेश के बीना में रेलवे ने इसके लिए सोलर पावर प्लांट को तैयार किया है। इससे 1.7 मेगा वॉट की बिजली उत्पन्न होगी और सीधे ट्रेनों के ओवर हेड तक पहुंचेगी। रेलवे का दावा है कि भारत ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश है। इससे पहले रेलवे के इतिहास में ऐसा किसी भी देश ने नहीं किया है।