ISRO-Axiom-4 मिशन से जुड़कर शुभांशु शुक्ला ने रचा इतिहास, जानिए कौन हैं ये स्पेस योद्धा?

Edited By Updated: 25 Jun, 2025 01:44 PM

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भारत के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला आज देश का गौरव बन चुके हैं। उन्होंने Axiom-4 मिशन के तहत 25 जून 2025 को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए सफलतापूर्वक उड़ान भर ली है। शुभांशु राकेश शर्मा के...

नेशनल डेस्क। भारत के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला आज देश का गौरव बन चुके हैं। उन्होंने Axiom-4 मिशन के तहत 25 जून 2025 को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए सफलतापूर्वक उड़ान भर ली है। शुभांशु राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में कदम रखने वाले दूसरे भारतीय बनकर इतिहास रचने जा रहे हैं। उनकी यह उपलब्धि न केवल भारत के लिए बल्कि वैश्विक मंच पर भी चर्चा का विषय बनी हुई है। आइए आपको बताते हैं कि कौन हैं शुभांशु शुक्ला? 

रिपोर्ट के अनुसार शुभांशु का यह मिशन न केवल भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय जोड़ेगा बल्कि भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।

कौन हैं शुभांशु शुक्ला?

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 10 अक्टूबर 1985 को जन्मे शुभांशु शुक्ला ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सिटी मॉन्टेसरी स्कूल लखनऊ से पूरी की। मात्र 16 वर्ष की आयु में उनका चयन राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) के लिए हो गया था जो उनकी असाधारण प्रतिभा और समर्पण का प्रमाण है। 2006 में भारतीय वायुसेना में शामिल होने के बाद उन्होंने एक कुशल टेस्ट पायलट के रूप में अपनी पहचान बनाई। शुभांशु ने Su-30 MKI, मिग-21, मिग-29, जैगुआर, डॉर्नियर और An-32 जैसे विभिन्न विमानों पर 2,000 घंटे से अधिक उड़ान भरी है। उनके पिता चाहते थे कि वे IAS बनें लेकिन शुभांशु ने वायुसेना और फिर अंतरिक्ष यात्रा का असाधारण रास्ता चुना।

गगनयान और विशेष अंतरिक्ष प्रशिक्षण

2019 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने शुभांशु शुक्ला को गगनयान मिशन के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक के रूप में चुना था। इसके बाद उन्होंने रूस के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में कठिन और व्यापक प्रशिक्षण प्राप्त किया। यह प्रशिक्षण उनकी अंतरिक्ष यात्रा की तैयारी में महत्वपूर्ण रहा जो अब Axiom-4 मिशन में उनकी भूमिका को और भी मजबूत करेगा।

 

 

 

क्या है Axiom-4 मिशन?

एक्सिओम-4 मिशन निजी अंतरिक्ष यात्रा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और अभिनव कदम है। यह नासा, एक्सिओम स्पेस और स्पेसएक्स की साझेदारी का परिणाम है। यह मिशन 25 जून 2025 को नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से सुबह 2:31 बजे (भारतीय समयानुसार दोपहर 12:01 बजे) स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट और नए ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के साथ मिशन पर निकल चुका है। अगर सब कुछ योजना के अनुसार रहा तो यह स्पेसक्राफ्ट 26 जून को सुबह 7:00 बजे (भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के साथ डॉक करेगा।

एक्सिओम-4 मिशन भारत के साथ-साथ पोलैंड और हंगरी के लिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि यह इन देशों की 40 वर्षों बाद पहली सरकार-प्रायोजित मानव अंतरिक्ष उड़ान होगी। यह मिशन इन तीनों देशों के लिए दूसरी मानव अंतरिक्ष उड़ान है लेकिन यह पहली बार होगा जब ये देश एक साथ ISS पर मिशन पूरा करेंगे।

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की भागीदारी भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ रही है। इस मिशन का लक्ष्य 31 देशों (जैसे भारत, अमेरिका, पोलैंड, हंगरी, सऊदी अरब, ब्राजील, नाइजीरिया, संयुक्त अरब अमीरात और यूरोपीय देशों) के सहयोग से लगभग 60 वैज्ञानिक अध्ययन और गतिविधियाँ संचालित करना है। यह मिशन न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देगा बल्कि निजी अंतरिक्ष यात्रा के क्षेत्र में वैश्विक सहयोग और भविष्य की संभावनाओं का भी प्रतीक बनेगा।

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