जयशंकर ने न्यूयॉर्क में जी20 बैठक में कहा- विकास को खतरे में डालकर शांति नहीं पाई जा सकती

Edited By Updated: 26 Sep, 2025 01:19 PM

jaishankar said at the g20 meeting that peace cannot be achieved by jeopardizing

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने न्यूयॉर्क में जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेते हुए बिना नाम लिए अमेरिका को स्पष्ट जवाब दिया। जयशंकर ने कहा कि "विकास को खतरे में डालकर हम शांति को बढ़ावा नहीं दे सकते।" यह बयान रूसी तेल खरीद पर भारत पर 25%...

नेशनल डेस्क: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने न्यूयॉर्क में जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेते हुए बिना नाम लिए अमेरिका को स्पष्ट जवाब दिया। जयशंकर ने कहा कि "विकास को खतरे में डालकर हम शांति को बढ़ावा नहीं दे सकते।" यह बयान रूसी तेल खरीद पर भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने के अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के हालिया निर्णय की ओर सीधा इशारा था।

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बातचीत से समाधान पर दिया ज़ोर

जयशंकर ने कहा कि आर्थिक रूप से नाज़ुक वैश्विक माहौल में ऊर्जा और अन्य ज़रूरी चीज़ों को और अनिश्चित बनाना किसी के लिए भी फायदेमंद नहीं है। उन्होंने ज़ोर दिया कि समस्याओं का समाधान बातचीत और कूटनीति के माध्यम से किया जाना चाहिए, न कि नई मुश्किलें पैदा करके। मंत्री का यह रुख ऊर्जा ज़रूरतों के संबंध में किसी भी देश द्वारा भारत पर एकतरफा दबाव बनाने के ख़िलाफ़ भारत की मज़बूत स्थिति को दर्शाता है।

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ग्लोबल साउथ की सुरक्षा पर चिंता

विदेश मंत्री ने यूक्रेन और गाजा में चल रहे संघर्षों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इनसे ग्लोबल साउथ के लिए ऊर्जा, भोजन और उर्वरक की सुरक्षा गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि संघर्षों ने पहले ही आपूर्ति और लॉजिस्टिक्स को ख़तरे में डाल दिया है और ऊपर से कुछ देशों द्वारा ज़रूरी चीज़ों तक पहुंच और उसकी लागत को लेकर अन्य देशों पर दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने ऐसे देशों के दोहरे मापदंड की निंदा की। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे उन देशों को बढ़ावा दें जो संघर्ष में शामिल दोनों पक्षों से संवाद कर सकते हैं, ताकि शांति स्थापित की जा सके।

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आतंकवाद पर zero tolerance

बैठक में विदेश मंत्री ने आतंकवाद के ख़तरे पर भी बात की। उन्होंने कहा कि यह अनिवार्य है कि दुनिया आतंकवादी गतिविधियों के प्रति न तो सहिष्णुता दिखाए और न ही उन्हें सहयोग दे। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि बड़े आतंकवादी नेटवर्कों को देखते हुए, जो देश किसी भी मोर्चे पर उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करते हैं, वे वास्तव में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की बड़ी सेवा कर रहे हैं। एस. जयशंकर 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा को भी संबोधित करेंगे।

 

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