Edited By Mehak,Updated: 10 Oct, 2025 02:07 PM

आज पूरे देश में करवा चौथ का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में यह दिन बेहद शुभ माना जाता है। सुहागिन महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखकर पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। मासिक धर्म या गर्भावस्था में भी व्रत रखा जा सकता है, बस कुछ नियमों...
नेशनल डेस्क : आज पूरे देश में करवा चौथ का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में यह दिन बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं सोलह श्रृंगार करके अपने पति की लंबी उम्र और वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए निर्जला व्रत करती हैं। यह व्रत पति-पत्नी के बीच प्यार और समर्पण का प्रतीक भी माना जाता है। हिंदू धर्म में इस व्रत से जुड़े कई नियम बताए गए हैं जिनका पालन करना शुभ माना जाता है।
हालांकि, कई महिलाओं के मन में यह सवाल उठता है कि गर्भावस्था (Pregnancy) या मासिक धर्म (Periods) के दौरान करवा चौथ का व्रत रखना चाहिए या नहीं। आइए जानते हैं, इन स्थितियों में क्या सावधानियां और नियम अपनाने चाहिए।
मासिक धर्म में करवा चौथ व्रत रखने के नियम
1. व्रत रखना संभव है: शास्त्रों के अनुसार, मासिक धर्म के दौरान भी महिलाएं करवा चौथ का व्रत रख सकती हैं। इसका कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं होता। महिलाएं सामान्य तरीके से चांद देखने तक व्रत रख सकती हैं।
2. पूजा-अर्चना से परहेज करें: पीरियड्स के दौरान देवी-देवताओं की मूर्तियों को स्पर्श करना या पूजा सामग्री को छूना वर्जित माना गया है। इसलिए महिलाएं इस दौरान मानसिक रूप से करवा माता की पूजा करें और किसी अन्य महिला से पूजा संपन्न करवाएं।
3. पति कर सकते हैं पूजा: अगर घर में कोई महिला न हो, तो पति स्वयं विधि-विधान से पूजा कर सकते हैं। इससे व्रत का पूरा पुण्य प्राप्त होता है।
4. पूजा सामग्री न छुएं: मासिक धर्म में महिलाएं पूजा की सामग्री नहीं छुएं, लेकिन वे मंत्र जाप या कथा श्रवण कर सकती हैं।
5. चांद देखकर करें व्रत पारण: चंद्रमा के दर्शन के बाद छलनी से देखकर अर्घ्य दें और मन में पति की लंबी आयु की कामना करें।
गर्भावस्था में करवा चौथ व्रत रखने के नियम
गर्भवती महिलाएं भी करवा चौथ का व्रत रख सकती हैं, लेकिन डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। इस दौरान शरीर की स्थिति को ध्यान में रखकर कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए —
1. सरगी जरूर खाएं: सूर्योदय से पहले पौष्टिक सरगी ग्रहण करें ताकि दिनभर ऊर्जा बनी रहे।
2. फलाहार और पेय पदार्थ ले सकती हैं: डॉक्टर की सलाह पर महिलाएं दिन में फलों, जूस या नारियल पानी जैसे हल्के पदार्थों का सेवन कर सकती हैं।
3. स्वास्थ्य खराब होने पर व्रत न रखें: अगर कमजोरी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो तो व्रत को टालना ही बेहतर है।
4. मानसिक रूप से पूजा करें: यदि लंबे समय तक भूखा रहना संभव न हो, तो महिलाएं मानसिक रूप से व्रत का संकल्प लें और शाम को चांद देखकर व्रत का पारण करें।