Marathi youth jobs: मराठी को नौकरी नहीं मिली तो मुंबई से विमान नहीं उड़ेंगे, एयरपोर्ट का रनवे भी तोड़ देंगे — मनसे की कड़ी चेतावनी

Edited By Updated: 04 Nov, 2025 02:32 PM

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महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर मराठी अस्मिता का मुद्दा गरमाने लगा है। राज ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने इस बार निशाना साधा है नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NMIA) परियोजना पर। पार्टी ने साफ चेतावनी दी है कि अगर...

नेशनल डेस्क:  महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर मराठी अस्मिता का मुद्दा गरमाने लगा है। राज ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने इस बार निशाना साधा है नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NMIA) परियोजना पर। पार्टी ने साफ चेतावनी दी है कि अगर स्थानीय मराठी युवाओं को नौकरी में प्राथमिकता नहीं दी गई, तो मनसे “शांत आंदोलन” नहीं, बल्कि “निर्णायक कार्रवाई” करेगी — जरूरत पड़ी तो एयरपोर्ट का रनवे भी तोड़ देगी।

मनसे का आरोप: मराठी युवाओं के अधिकारों की हो रही अनदेखी
मनसे प्रवक्ता गजानन काले ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि एयरपोर्ट के चार टर्मिनलों से लगभग एक लाख रोजगार के अवसर पैदा होने वाले हैं, लेकिन अब तक की भर्ती प्रक्रिया में स्थानीय मराठी भाषी युवाओं को पूरी तरह नज़रअंदाज़ किया गया है। काले ने कहा कि यह रुख “भूमिपुत्रों को सम्मान देने की नीति” के खिलाफ है, और मराठी समाज के साथ अन्याय है।

RTI से मिला खुलासा
मनसे ने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत प्राप्त दस्तावेज़ों का हवाला देते हुए बताया कि सिडको (CIDCO) और एयरपोर्ट प्रशासन की नीति के अनुसार 80 प्रतिशत नौकरियां मराठी भाषी उम्मीदवारों को दी जानी थीं। लेकिन मौजूदा भर्ती में इस दिशा-निर्देश को पूरी तरह नजरअंदाज किया जा रहा है। काले ने आरोप लगाया कि सरकार अब इस परियोजना में अन्य राज्यों के प्रवासियों को नौकरी दे रही है, जबकि स्थानीय युवाओं को बाहर किया जा रहा है।

रोजगार नहीं मिला तो उड़ान नहीं भरेगी कोई विमान
मनसे ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर सरकार ने मराठी युवाओं को प्राथमिकता नहीं दी, तो पार्टी एयरपोर्ट पर बड़ा आंदोलन शुरू करेगी। गजानन काले ने चेतावनी दी —“अगर भूमिपुत्रों को उनका हक़ नहीं मिला, तो राज ठाकरे के आदेश के बाद एयरपोर्ट से एक भी विमान उड़ान नहीं भर सकेगा। जरूरत पड़ी तो रनवे भी उखाड़ देंगे।”

 स्थानीय समुदायों की नाराज़गी
काले ने यह भी बताया कि एयरपोर्ट निर्माण के लिए जिन किसानों की जमीन ली गई, उनमें से ज्यादातर अग्री-कोली समुदाय से हैं। उनके लिए चल रहे कौशल विकास कार्यक्रम (Skill Development Programs) को भी बिना कारण बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सिडको और सरकार दोनों ने मिलकर स्थानीय निवासियों के पुनर्वास और रोजगार के वादों को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।

विपक्षी एकजुटता की धमकी
मनसे ने संकेत दिया कि अगर यह मांग नहीं मानी गई तो अमित ठाकरे, आदित्य ठाकरे और अन्य विपक्षी नेता मिलकर संयुक्त मोर्चा निकालेंगे। पार्टी नेताओं का कहना है कि मराठी युवाओं को नौकरी से वंचित करना “महाराष्ट्र के स्वाभिमान” पर चोट है। मनसे ने साफ कहा कि उनके कार्यकर्ताओं के लिए रनवे तोड़ना मुश्किल नहीं, लेकिन वे चाहते हैं कि सरकार इससे पहले ही मराठी लोगों के लिए रोजगार नीति को लागू करे।

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