पंजाब-हरियाणा समेत इन 6 राज्यों में मॉक ड्रिल, ब्लैकआउट, पाकिस्तान में डर का माहौल

Edited By Parveen Kumar,Updated: 31 May, 2025 08:58 PM

mock drill blackout in 6 states including punjab haryana

भारत ने आतंकवाद को बड़ी चोट देने के बाद अब भविष्य में किसी भी आपात स्थिति से निपटने की तैयारी तेज कर दी है। इसके लिए बॉर्डर से लगे छह राज्यों- गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर- में ऑपरेशन शील्ड के तहत मॉक ड्रिल चल रही है।

नेशनल डेस्क: भारत ने आतंकवाद को बड़ी चोट देने के बाद अब भविष्य में किसी भी आपात स्थिति से निपटने की तैयारी तेज कर दी है। इसके लिए बॉर्डर से लगे छह राज्यों- गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर- में ऑपरेशन शील्ड के तहत मॉक ड्रिल चल रही है। ये मॉक ड्रिल शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक होती है। कुछ जगहों पर ब्लैकआउट ड्रिल भी की गई है, जिसमें पूरी जगह की बिजली और रोशनी बंद कर दी जाती है। भारत में मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट होने के बाद पाकिस्तान में डर का माहौल बना हुआ है। 

मॉक ड्रिल का मकसद संभावित खतरों जैसे सीमा पार से हमला या आतंकी घटना के समय सुरक्षा, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन विभागों की तत्परता और प्रतिक्रिया का परीक्षण करना है। साथ ही लोगों को भी जागरूक करना है।

जम्मू-कश्मीर के कई जिलों में सुरक्षा बलों ने एयर स्ट्राइक और ब्लैकआउट ड्रिल की। जम्मू में रात 8 बजे से पूरी बिजली बंद कर दी गई और अखनूर में एयर स्ट्राइक जैसी स्थिति का अभ्यास हुआ। गुजरात के पाटण और वलसाड में भी हवाई हमलों की मॉक ड्रिल हुई, जिसमें सायरन बजाए गए और आग लगने की नाटक की गई। वहां फंसे लोगों को रेस्क्यू टीम ने बचाया।

जयपुर में भी अचानक धमाके और गोलीबारी की मॉक ड्रिल हुई, जिसमें लोगों में भगदड़ मची, और SDRF व मेडिकल टीमों ने राहत कार्य किए। हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में भी शाम से रात तक ब्लैकआउट ड्रिल हुई, और संबंधित सुरक्षा टीमों को पूरी तरह अलर्ट रखा गया।

चंडीगढ़ में एयर स्ट्राइक ड्रिल के दौरान 20 घायल लोगों को सामुदायिक केंद्र में लाया गया और उनका इलाज किया गया। इसके साथ ही 30 यूनिट रक्त और अतिरिक्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं।

मॉक ड्रिल में पुलिस, फायर ब्रिगेड, सिविल डिफेंस, मेडिकल टीमें, नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक, होमगार्ड, एनसीसी, एनएसएस और अन्य संगठनों ने हिस्सा लिया। ये अभ्यास हवाई हमले, ड्रोन और मिसाइल हमलों से बचाव, सायरन बजाने और अलग-अलग विभागों के बीच बेहतर तालमेल पर आधारित थे।

जम्मू के अखनूर इलाके में भी एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस, फायर ब्रिगेड और स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर मॉक ड्रिल की। इससे पहले ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इन टीमों ने अहम भूमिका निभाई थी।

मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट क्या है?

मॉक ड्रिल एक तरह का अभ्यास होता है जिसमें पता लगाया जाता है कि अगर कोई आपात स्थिति जैसे हमला या आतंकवादी घटना होती है, तो अधिकारी और आम लोग कितनी जल्दी और सही तरीके से प्रतिक्रिया कर सकते हैं। इसमें सायरन बजाना, लोगों को सुरक्षित जगह पर ले जाना, घायल लोगों को बचाना और मेडिकल सहायता देना शामिल होता है।

ब्लैकआउट अभ्यास में किसी इलाके की पूरी बिजली और रोशनी तय समय तक बंद कर दी जाती है ताकि अगर दुश्मन हमला करे तो उसे इलाके का पता न चले। यह रात में होता है और इससे सुरक्षा बलों की तत्परता भी जांची जाती है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!