Edited By Parveen Kumar,Updated: 16 Nov, 2025 08:13 PM

दिल्ली बम विस्फोट केस में एक बड़ा मोड़ सामने आया है। एनआईए ने उस सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने कथित तौर पर मास्टरमाइंड डॉ. उमर उन नबी को लाल किला विस्फोट में इस्तेमाल की गई कार खरीदने में मदद की थी। जांच एजेंसी के मुताबिक, यह वही व्यक्ति है...
नेशनल डेस्क: दिल्ली में हुए रेड फोर्ट कार ब्लास्ट मामले में एनआईए को बड़ी सफलता हाथ लगी है। जांच एजेंसी ने आत्मघाती हमलावर के सहयोगी आमिर राशिद अली को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। आमिर, जो जम्मू-कश्मीर के पंपोर स्थित सांबोरा का निवासी है, कथित मास्टरमाइंड और आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी के साथ मिलकर इस हमले की साजिश रचने में शामिल था। जांच में पता चला है कि विस्फोट में प्रयोग की गई कार आमिर के नाम पर ही रजिस्टर्ड थी।
हमले में शामिल उमर उन नबी, अल-फलाह यूनिवर्सिटी (फरीदाबाद) में असिस्टेंट प्रोफेसर था। एनआईए ने नबी की एक अन्य गाड़ी भी जब्त की है, जिसका फोरेंसिक परीक्षण जारी है। 10 नवंबर को हुए इस भीषण धमाके में 10 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 25 लोग घायल हुए थे।
एनआईए अब तक 73 गवाहों से पूछताछ कर चुकी है और जांच दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस के सहयोग से कई राज्यों में तेज़ी से आगे बढ़ रही है। एजेंसी को शक है कि इस हमले के पीछे एक बड़ी साजिश रची गई थी, जिसकी परतें अब धीरे-धीरे खुल रही हैं।
एनआईए द्वारा जारी बयान के अनुसार, आमिर दिल्ली इसलिए आया था ताकि वह उमर उन नबी को उस कार की खरीद में मदद कर सके, जिसका उपयोग आगे चलकर वाहन-जनित आईईडी डिवाइस (VBIED) के रूप में किया गया। फोरेंसिक जांच से यह भी साबित हुआ है कि विस्फोट में मारा गया आईईडी लादे वाहन का चालक खुद उमर उन नबी ही था।
जांच एजेंसी ने नबी से जुड़े दूसरे वाहन को भी विस्तृत साक्ष्य के लिए जब्त किया है। धमाके में घायल लोगों सहित दर्जनों गवाहों से पूछताछ की जा रही है, ताकि इस पूरी साजिश का नेटवर्क और इसमें शामिल अन्य लोगों की पहचान की जा सके। दिल्ली पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस, हरियाणा पुलिस, यूपी पुलिस और कई केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर एनआईए अब इस बड़े आतंकी षड्यंत्र के हर पहलू की तह तक पहुंचने में जुटी है।