Edited By Radhika,Updated: 10 Sep, 2025 01:51 PM

देश को 9 सितंबर को अपना नया उपराष्ट्रपति मिल गया है। NDA उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने विपक्षी गठबंधन इंडिया के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को हराकर यह चुनाव जीत लिया है। इस जीत के साथ ही राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति के तौर पर मिलने वाली तमाम सुविधाओं...
नेशनल डेस्क: देश को 9 सितंबर को अपना नया उपराष्ट्रपति मिल गया है। NDA उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने विपक्षी गठबंधन इंडिया के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को हराकर यह चुनाव जीत लिया है। इस जीत के साथ ही राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति के तौर पर मिलने वाली तमाम सुविधाओं और सैलरी का लाभ मिलेगा। खास बात यह है कि भारत के उपराष्ट्रपति को उनके पद के लिए सीधे तौर पर सैलरी नहीं मिलती। उन्हें राज्यसभा के सभापति के रूप में सैलरी दी जाती है, क्योंकि यह पद उपराष्ट्रपति ही संभालते हैं।
क्या होगी सैलरी और कितनी मिलेंगी सुविधाएं-
राज्यसभा के सभापति को हर महीने 4 लाख रुपये का वेतन मिलता है। इस हिसाब से यही सीपी राधाकृष्णन की सैलरी होगी। सैलरी के अलावा उन्हें कई और सुविधाएं भी मिलेंगी:
- शानदार बंगला: उन्हें रहने के लिए एक आलीशान सरकारी बंगला मिलेगा।
- बुलेटप्रूफ गाड़ी: आवागमन के लिए एक बुलेटप्रूफ सरकारी गाड़ी दी जाएगी।
- Z+ सुरक्षा: उनकी सुरक्षा के लिए उन्हें Z+ श्रेणी की सुरक्षा मिलेगी।
- यात्रा सुविधा: देश-विदेश की यात्राएं वे बिना किसी निजी खर्च के कर पाएंगे।
- दैनिक भत्ता: उन्हें डेली अलाउंस भी मिलेगा।
- चिकित्सा सुविधाएं: स्वास्थ्य से जुड़ी सभी चिकित्सा सुविधाएं सरकारी खर्च पर मिलेंगी।
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पद छोड़ने के बाद क्या मिलेगा?
उपराष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी उन्हें सुविधाएं मिलती रहेंगी। उन्हें पेंशन दी जाएगी जो राज्यसभा के पूर्व सभापति के रूप में मिलेगी। यह पेंशन उनकी सैलरी की लगभग आधी होती है, यानी करीब 2 लाख रुपये प्रति महीने। इसके साथ ही उन्हें मेडिकल सहित अन्य सरकारी सुविधाएं भी मिलती रहेंगी।
जीत के बाद क्या बोले सीपी राधाकृष्णन?
उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद सीपी राधाकृष्णन ने अपनी जीत को राष्ट्रवादी विचारधारा की जीत बताया। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है। चुनाव में उन्होंने 452 वोट हासिल किए, जबकि विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले।
अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में राधाकृष्णन ने कहा, "दूसरे पक्ष (विपक्षी गठबंधन) ने कहा कि यह एक वैचारिक लड़ाई है, लेकिन मतदान के पैटर्न से हमें लगता है कि राष्ट्रवादी विचारधारा विजयी हुई है।" उन्होंने आगे कहा, "यह हर भारतीय की जीत है। अगर हमें 2047 तक विकसित भारत बनाना है तो हम सभी को मिलकर विकास पर ध्यान केंद्रित करना होगा।"