Edited By Shubham Anand,Updated: 14 Sep, 2025 03:53 PM

ऑनलाइन शॉपिंग में नो कॉस्ट EMI ऑफर आकर्षक लगता है, लेकिन यह पूरी तरह फायदेमंद नहीं होता। इसमें ब्याज नहीं लगता, पर डिस्काउंट घटाकर और प्रोसेसिंग फीस, जीएसटी जैसे चार्जेज जोड़ दिए जाते हैं। इसलिए कुल कीमत ज्यादा हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार,...
नेशनल डेस्क : ऑनलाइन शॉपिंग का दौर है, और क्रेडिट कार्ड के साथ EMI का ऑप्शन आज हर किसी की पहुंच में है। खास तौर पर ‘नो कॉस्ट EMI’ का ऑफर सुनने में बेहद आकर्षक लगता है, जिसमें कंपनियां दावा करती हैं कि बिना किसी अतिरिक्त ब्याज के प्रोडक्ट की कीमत को आसान किस्तों में चुकाया जा सकता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या नो कॉस्ट EMI सचमुच फायदेमंद है, या यह सिर्फ ग्राहकों को लुभाने का एक तरीका है? आइए जानते हैं इसकी हकीकत।
क्या है नो कॉस्ट EMI?
नो कॉस्ट EMI का मतलब है कि प्रोडक्ट की कीमत को बिना ब्याज के किस्तों में चुकाया जा सकता है। कंपनियां दावा करती हैं कि इसमें कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगता, जिससे ग्राहकों को लगता है कि वे सस्ते में प्रोडक्ट खरीद रहे हैं। लेकिन क्या यह ऑफर वाकई इतना सीधा-सादा है? विशेषज्ञों के मुताबिक, नो कॉस्ट EMI में अक्सर डिस्काउंट का हिस्सा हटाकर ब्याज को एडजस्ट कर दिया जाता है। यानी, अगर आप प्रोडक्ट को एकमुश्त खरीदते हैं, तो आपको डिस्काउंट मिल सकता है, लेकिन नो कॉस्ट EMI चुनने पर वही डिस्काउंट नहीं मिलता। इस तरह ग्राहक को लगता है कि उन्होंने ब्याज नहीं दिया, लेकिन असल में प्रोडक्ट की कीमत ज्यादा चुकानी पड़ती है।
प्रोसेसिंग फीस और अन्य चार्जेज
नो कॉस्ट EMI के तहत भले ही ब्याज न लगे, लेकिन प्रोसेसिंग फीस, जीएसटी और अन्य छोटे-मोटे चार्जेज जरूर जोड़े जाते हैं। ये चार्ज शुरुआत में मामूली लगते हैं, लेकिन किस्तें चुकाने तक यह राशि अच्छी-खासी हो सकती है। इस तरह, नो कॉस्ट EMI पूरी तरह ‘फ्री’ नहीं होती, जैसा कि इसका नाम सुझाता है।
फायदा या नुकसान?
नो कॉस्ट EMI न तो पूरी तरह फायदेमंद है और न ही पूरी तरह नुकसानदायक। यह आपकी वित्तीय स्थिति और खरीदारी की जरूरत पर निर्भर करता है। अगर आपके पास एकमुश्त पेमेंट करने की क्षमता है, तो सीधे खरीदारी करना ज्यादा किफायती हो सकता है, क्योंकि इसमें डिस्काउंट का लाभ मिल सकता है। वहीं, अगर आपके पास तुरंत पूरी राशि नहीं है, तो नो कॉस्ट EMI एक सुविधाजनक विकल्प हो सकता है, बशर्ते आप अतिरिक्त चार्जेज को समझ लें।
कैसे करें स्मार्ट शॉपिंग?
ऑफर की तुलना करें: नो कॉस्ट EMI और एकमुश्त खरीदारी के बीच डिस्काउंट और कुल लागत की तुलना करें।
छिपे चार्जेज की जांच करें: प्रोसेसिंग फीस, जीएसटी और अन्य चार्जेज के बारे में पहले से जानकारी लें।
बजट का ध्यान रखें: सुनिश्चित करें कि EMI आपके मासिक बजट पर बोझ न बने।
उपभोक्ताओं के लिए सलाह
ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स पर नो कॉस्ट EMI के आकर्षक ऑफर्स के बीच सावधानी बरतना जरूरी है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि ग्राहक ऑफर की बारीकियों को समझें और कुल लागत का हिसाब लगाकर ही फैसला लें। नो कॉस्ट EMI सुविधा तो देता है, लेकिन सही जानकारी के बिना यह आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है।