दिल्ली में चिता जलाने के लिए नहीं मिल रही जगह, शमशान घाट बढ़ाने के लिये याचिका दायर

Edited By Updated: 04 May, 2021 02:36 PM

no place to burn pyre in delhi

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोविड-19 के कारण रोज ‘‘बड़ी संख्या’’ में लोगों की मौत के कारण शहर में शमशान घाट और कब्रिस्तानों की संख्या अस्थायी तौर पर बढ़ाने के लिये दायर जनहित याचिका पर केंद्र और दिल्ली सरकार से मंगलवार को जवाब मांगा। याचिका में शमशान...

नेशनल डेस्क: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोविड-19 के कारण रोज ‘‘बड़ी संख्या’’ में लोगों की मौत के कारण शहर में शमशान घाट और कब्रिस्तानों की संख्या अस्थायी तौर पर बढ़ाने के लिये दायर जनहित याचिका पर केंद्र और दिल्ली सरकार से मंगलवार को जवाब मांगा। याचिका में शमशान घाट और कब्रिस्तानों की संख्या अस्थायी तौर पर बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया था। 


दिल्ली सरकार को नोटिस जारी
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने केंद्र, दिल्ली सरकार, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और नगर निकायों को नोटिस जारी किये। पीठ ने इन याचिकाकर्ता प्रत्यूष प्रसन्न द्वारा उपलब्ध आंकड़ों पर विचार करने के बाद प्रतिवादी प्राधिकारियों को इन पर अपने जवाब देने के निर्देश दिए हैं। वकील स्निग्धा सिंह के जरिए दायर याचिका में प्रसन्न ने दावा किया कि अस्पतालों में बिस्तरों और जांच किट तथा ऑक्सीजन आपूर्ति जैसे अन्य सामान की भारी कमी के कारण देश में खासतौर से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो रही है।

 

अंतिम संस्कार के लिए वसूला जा रहा अधिक पैसा 
याचिका में कहा गया कि इसके चलते शमशान घाट और कब्रिस्तान भर गए हैं और शवों का अंतिम संस्कार करने में काफी वक्त लग रहा है। इसमें किसी भी पार्क, मैदान, खुले स्थान, स्टेडियम या ऐसे अन्य किसी स्थान को शवदाहगृह बनाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।याचिका में कहा गया कि तैयारी नहीं होने से ऐसी खतरनाक स्थिति बन गई है कि शवों का अंबार लग गया है और बड़े-बड़े शवदाहगृह शवों को वापस भेज रहे हैं या अंतिम संस्कार के लिए अधिक पैसा वसूल रहे हैं।

 

मुर्दाघरों में भी नहीं बची जगह 
याचिका में दावा किया गया  कि शवों को रात के लिए एसी कमरों में रखने के लिए भी कहा गया क्योंकि अस्पतालों के मुर्दाघरों में जगह नहीं है। यह उस व्यक्ति के लिए एक सदमे की तरह है जिसने इस महामारी के कारण अपने प्रियजन की असामयिक मौत का दुख सहा है। याचिकाकर्ता ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश देने का भी अनुरोध किया है कि अंतिम संस्कार करने के लिए लकड़ी और अन्य आवश्यक सामान की उचित आपूर्ति हो। इसमें कहा गया है कि अंतिम संस्कार में शामिल हो रहे परिवार के सदस्यों, दोस्तों और रिश्तेदारों को पीपीई किट जैसे चिकित्सा सामान उपलब्ध कराए जाए।

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