कम नींद जानलेवा! नए शोध में खुलासा: 3 रात तक नींद पूरी नहीं होने से आपके दिल को हो सकता है नुकसान

Edited By Parminder Kaur,Updated: 23 May, 2025 05:10 PM

not getting enough sleep for 3 nights can harm your heart

हम सभी जानते हैं कि कम नींद लेना सेहत के लिए हानिकारक है, लेकिन वैज्ञानिक अब इस बात को और गहराई से समझ रहे हैं कि यह कितना नुकसानदायक हो सकता है। स्वीडन के उप्पसला विश्वविद्यालय के एक नए अध्ययन ने इस विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी दी है।

नेशनल डेस्क. हम सभी जानते हैं कि कम नींद लेना सेहत के लिए हानिकारक है, लेकिन वैज्ञानिक अब इस बात को और गहराई से समझ रहे हैं कि यह कितना नुकसानदायक हो सकता है। स्वीडन के उप्पसला विश्वविद्यालय के एक नए अध्ययन ने इस विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी दी है।

कम नींद और हृदय रोग का खतरा

शोधकर्ताओं ने पाया कि अगर आप लगातार तीन दिनों तक हर रात सिर्फ़ चार घंटे की नींद लेते हैं, तो आपके खून में ऐसे बदलाव होने शुरू हो जाते हैं, जिनका सीधा संबंध हृदय रोग के बढ़ते जोखिम से है। इस अध्ययन में रक्त में एक खास तरह का प्रोटीन पाया गया, जो शरीर में सूजन का कारण बनता है। ये ऐसे मॉलिक्यूल्स होते हैं जो तनाव या बीमारी की स्थिति में बनते हैं। जब ये प्रोटीन लंबे समय तक आपके खून में उच्च स्तर पर बने रहते हैं, तो वे रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इससे हृदय गति रुकने, गंभीर हृदय रोग और अनियमित हृदय गति जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।

अध्ययन का तरीका और चौंकाने वाले नतीजे

इस अध्ययन में 16 स्वस्थ युवा शामिल थे। इन युवाओं ने कई दिन प्रयोगशाला में बिताए, जहाँ उनके भोजन, गतिविधि और प्रकाश के संपर्क को पूरी तरह से नियंत्रित किया गया। प्रतिभागियों को दो समूहों में बांटा गया एक समूह ने तीन रातों तक सामान्य नींद (साढ़े आठ घंटे) ली।

दूसरे समूह ने तीन रातों तक केवल चार घंटे 25 मिनट की नींद ली। हर दिन नींद लेने के बाद पुरुषों ने थोड़ी देर साइकिलिंग की। कसरत से ठीक पहले और बाद में उनके खून की जाँच की गई। शोधकर्ताओं ने रक्त के नमूनों में लगभग 90 अलग-अलग प्रोटीन को मापा।

उन्होंने पाया कि नींद पूरी न होने से हृदय रोग से जुड़े सूजन वाले मानकों में स्पष्ट वृद्धि हुई। इसके विपरीत, व्यायाम आमतौर पर 'इंटरल्यूकिन-6' और बीडीएनएफ (जो मस्तिष्क और हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं) जैसे स्वस्थ प्रोटीन को बढ़ाता है, लेकिन नींद पूरी न होने से इन प्रोटीन में कमी आई।

सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि ये बदलाव युवाओं, स्वस्थ वयस्कों और केवल दो दिन तक नींद पूरी न करने वाले लोगों में भी देखे गए। यह चिंताजनक है, क्योंकि वयस्क अक्सर कम नींद की समस्या से जूझते हैं और लगभग चार में से एक व्यक्ति ऐसी पाली में काम करता है जिससे उसकी नींद खराब होती है।

समय का भी महत्व

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि दिन में किस समय रक्त का नमूना लिया गया, यह भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि सुबह और शाम के बीच प्रोटीन का स्तर अलग-अलग होता है, जब नींद कुछ ही घंटों तक सीमित होती है तो यह अंतर और भी ज्यादा होता है।

यह अध्ययन बताता है कि नींद न केवल आपके रक्त में मौजूद चीजों को प्रभावित करती है, बल्कि इन बदलावों को लक्षणों के रूप में भी सामने लाती है। आधुनिक जीवन हमें अक्सर उत्पादकता, सामाजिकता या फोन/लैपटॉप पर ज़्यादा देर काम करने के बदले नींद का त्याग करने के लिए प्रोत्साहित करता है, लेकिन ऐसे अध्ययन हमें याद दिलाते हैं कि हमारा शरीर चुपचाप, रासायनिक तरीके से और बिना किसी समझौते के इन सब को सहता रहता है।

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