Edited By Mehak,Updated: 12 Oct, 2025 06:25 PM

धनतेरस 2025 इस साल 18 अक्टूबर, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन सोना-चांदी खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। खरीदारी का सबसे अच्छा समय अमृत काल, जो 18 अक्टूबर की दोपहर 12:18 बजे से लेकर 19 अक्टूबर की सुबह 6:24 बजे तक रहेगा। पूजा के लिए प्रदोष काल 18...
नेशनल डेस्क : धनतेरस दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन सोना, चांदी, बर्तन और नई वस्तुएं खरीदना बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि ऐसा करने से घर में साल भर बरकत, सुख और समृद्धि बनी रहती है। धनतेरस भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर को समर्पित पर्व है।
कब है धनतेरस?
त्रयोदशी तिथि इस बार दो दिन होने के कारण लोगों में कन्फ्यूजन है कि धनतेरस 18 अक्टूबर को होगी या 19 अक्टूबर को। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर दोपहर 12:18 बजे से शुरू होकर 19 अक्टूबर दोपहर 1:51 बजे तक रहेगी। इसलिए इस साल धनतेरस 18 अक्टूबर, शनिवार को ही मनाया जाएगा।
सोना-चांदी खरीदने का शुभ मुहूर्त (Amrit Kaal)
धनतेरस 2025 में सोना-चांदी खरीदने का सबसे शुभ समय अमृत काल माना गया है, जो 18 अक्टूबर की दोपहर 12:18 बजे से लेकर 19 अक्टूबर की सुबह 6:24 बजे तक रहेगा। इस समय खरीदारी करने से धन में वृद्धि होती है और सकारात्मक ऊर्जा आती है। इसी दौरान आप वाहन की खरीदारी भी कर सकते हैं
पूजन का शुभ मुहूर्त (Pooja Muhurat)
धनतेरस पर पूजन के लिए प्रदोष काल सबसे अच्छा समय है, 18 अक्टूबर की शाम 07:11 बजे से 09:22 बजे तक रहेगा। इस दौरान आप भगवान धन्वंतरि, देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा कर सकते हैं।
शहर अनुसार शहर अनुसार सोना-चांदी खरीदने की शुभ मुहूर्त:
नई दिल्ली: 7:16 – 8:20 बजे
गुड़गांव: 7:17 – 8:20 बजे
जयपुर: 7:24 – 8:26 बजे
कोलकाता: 6:41 – 7:38 बजे
पुणे: 7:46 – 8:38 बजे
चेन्नई: 7:28 – 8:15 बजे
नोएडा: 7:15 – 8:19 बजे
अहमदाबाद: 7:44 – 8:41 बजे
बेंगलुरु: 7:39 – 8:25 बजे
मुंबई: 7:49 – 8:41 बजे
चंडीगढ़: 7:14 – 8:20 बजे
हैदराबाद: 7:29 – 8:20 बजे
लखनऊ: 7:05 – 8:08 बजे
अन्य शुभ मुहूर्त
- अभिजित मुहूर्त: 12:01 – 12:48 बजे
- लाभ-उन्नति चौघड़िया: 1:51 – 3:18 बजे
- प्रदोष काल: 6:11 – 8:41 बजे
इन समयों में आप खरीदारी, पूजा और अन्य शुभ काम कर सकते हैं।
धनतेरस पूजा विधि (Puja Vidhi)
- घर और पूजा स्थल को साफ करें।
- रंगोली बनाएं और दीपक जलाएं।
- भगवान धन्वंतरि, देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर और गणेश जी की मूर्तियाँ स्थापित करें।
- जल लेकर पूजा का संकल्प लें।
- पहले गणेश जी का पूजन करें।
- फिर देवी लक्ष्मी, कुबेर जी और धन्वंतरि जी को फल, फूल, मिठाई, हल्दी, कुमकुम और अक्षत अर्पित करें।
- इस दिन खरीदी गई नई वस्तुओं को भी पूजा में रखें।
- अंत में आरती करें और शंखनाद करें।
- शाम को घर के मुख्य द्वार पर सरसों के तेल का चारमुख वाला यम दीपक जलाएं।
- घर के कोने-कोने को रोशन करें।
धनतेरस का महत्व (Significance)
पौराणिक कथा के अनुसार, इसी दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे। इस दिन उनकी पूजा से स्वास्थ्य में लाभ मिलता है। साथ ही देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करने से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है। इस दिन सोना-चांदी, पीतल और तांबे के बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है, जिससे घर में सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
धनतेरस पूजन मंत्र
- ॐ धन्वंतराये नमः॥
- ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:
- अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप
- श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥