Edited By Mansa Devi,Updated: 24 Sep, 2025 01:59 PM

दिल्ली हाई कोर्ट ने दो झगड़ालू पड़ोसियों के आपसी विवाद को सुलझाने के लिए एक बेहद अनोखा और यादगार आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अगर वे सरकारी आश्रम के निवासियों को पिज्जा और छाछ परोसते हैं, तो उनकी एक-दूसरे के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर (FIR) रद्द कर...
नेशनल डेस्क: दिल्ली हाई कोर्ट ने दो झगड़ालू पड़ोसियों के आपसी विवाद को सुलझाने के लिए एक बेहद अनोखा और यादगार आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अगर वे सरकारी आश्रम के निवासियों को पिज्जा और छाछ परोसते हैं, तो उनकी एक-दूसरे के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर (FIR) रद्द कर दी जाएगी। यह मामला दिल्ली में सुर्खियों में है और लोग इसे न्याय की एक रचनात्मक मिसाल मान रहे हैं।
क्या था पूरा मामला?
यह मामला 5 मई को हुआ था, जब दो पड़ोसियों के बीच पालतू जानवरों को लेकर तीखी बहस हो गई, जो बाद में हिंसक झगड़े में बदल गई। इस झगड़े के बाद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ मनसा रोवर पार्क पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करा दी। इसमें आपराधिक धमकी, गंभीर चोट पहुंचाने और अवैध रूप से रोकने जैसे गंभीर आरोप शामिल थे।
कोर्ट ने क्यों दिया ऐसा आदेश?
जस्टिस अरुण मोंगा की एकल-पीठ ने कहा कि यह झगड़ा एक निजी मामला है और ऐसे आपराधिक मामले चलाना "कोई उपयोगी उद्देश्य पूरा नहीं करेगा"। उन्होंने कहा कि अगर आपराधिक कार्यवाही जारी रहती है, तो दोनों पड़ोसियों के बीच दुश्मनी बढ़ेगी, जबकि इसे रद्द करने से उनके बीच भाईचारा और शांति बढ़ेगी। कोर्ट ने यह अनोखी शर्त इसलिए रखी क्योंकि एक शिकायतकर्ता महिला पिज्जा बनाने और बेचने का काम करती हैं।
आदेश में क्या था?
कोर्ट के आदेश के अनुसार, दोनों पक्षों को मिलकर जीटीबी अस्पताल के पास स्थित संस्कार आश्रम जाना होगा और वहां के सभी बच्चों, स्टाफ और देखभाल करने वालों को भोजन कराना होगा।
➤ क्या परोसना है? हर एक व्यक्ति को एक-एक वेजिटेबल पिज्जा और एक अमूल छाछ का टेट्रा पैक दिया जाएगा।
➤ पिज्जा कौन बनाएगा? पिज्जा महिला शिकायतकर्ता द्वारा ही बनाया जाएगा।
➤ खर्च कौन उठाएगा? इस पूरे आयोजन का खर्च दोनों पक्षों को मिलकर उठाना होगा।
यह सेवा सामुदायिक सेवा के रूप में मानी जाएगी और इसके बाद दोनों पक्षों की एफआईआर रद्द कर दी जाएगी। दोनों पड़ोसियों ने अदालत में पेश होकर स्वेच्छा से कहा कि उन्होंने अपने बीच का मामला सुलझा लिया है और अब वे आपराधिक केस को आगे नहीं बढ़ाना चाहते। उनके वकीलों ने बताया कि यह सब एक बड़ी गलतफहमी की वजह से हुआ था।