Edited By Radhika,Updated: 02 Jul, 2025 04:59 PM

दिल्ली-देहरादून हाईवे पर चल रही कांवड़ यात्रा के दौरान एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। आरोप है कि कुछ लोगों ने ढाबा मालिकों से जबरन उनके धर्म की पुष्टि के लिए पैंट उतारने को कहा।
नेशनल डेस्क: दिल्ली-देहरादून हाईवे पर चल रही कांवड़ यात्रा के दौरान एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। आरोप है कि कुछ लोगों ने ढाबा मालिकों से जबरन उनके धर्म की पुष्टि के लिए पैंट उतारने को कहा। इस घटना को लेकर AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस घटनाक्रम को शर्मनाक बताया और कहा कि यह देश की प्रशासनिक विफलता और संविधान की खुली अवहेलना है।
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ओवैसी का तीखा सवाल
ओवैसी ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा, "मुजफ्फरनगर हाईवे के पास कई होटल और ढाबे हैं जो वर्षों से चल रहे हैं। अब अचानक इन पर सवाल क्यों उठ रहे हैं? 10 साल पहले कांवड़ यात्रा शांतिपूर्वक निकलती थी, तब किसी को इन ढाबों से दिक्कत क्यों नहीं थी? आज ये लोग जाकर ढाबा मालिकों से पैंट उतारने को कह रहे हैं, ये कौन होते हैं?"
उन्होंने सीधे प्रशासन पर सवाल खड़े किए। ओवैसी ने पूछा, "क्या ये निगरानी समूह सरकार चला रहे हैं या प्रशासन का कोई वजूद नहीं बचा है? पुलिस क्या कर रही है? अगर ये लोग जबरन नागरिकों की पहचान की जांच कर रहे हैं तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही?"
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'एक विशेष वर्ग को निशाना बनाया जा रहा है'
ओवैसी ने आरोप लगाया कि यह सब एक सोची-समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है ताकि एक विशेष वर्ग को निशाना बनाया जा सके। उन्होंने कहा, "आप होटल में जाकर किसी से जबरन आधार कार्ड मांग रहे हैं, पैंट उतरवा रहे हैं, ये सरासर गैरकानूनी है। आप कौन होते हैं ऐसा करने वाले? क्या अब कल को स्टूडियो में घुसकर भी पहचान पूछने लगेंगे?" उन्होंने सरकार से भी स्पष्टीकरण मांगा कि ऐसे मामलों में उनकी क्या भूमिका है और क्या वे इन 'निगरानी समूहों' को बढ़ावा दे रहे हैं।