Edited By Radhika,Updated: 02 Oct, 2025 12:20 PM

मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहाँ एक शिक्षक दंपति ने अपने 3 दिन के नवजात बच्चे को जंगल में पत्थर से दबाकर छोड़ दिया। इस दिल झझकोरने वाली घटना के पीछे की वजह थी पिता को नौकरी जाने का डर, क्योंकि यह उनकी चौथी...
नेशनल डेस्क: मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहाँ एक शिक्षक दंपति ने अपने 3 दिन के नवजात बच्चे को जंगल में पत्थर से दबाकर छोड़ दिया। इस दिल झझकोरने वाली घटना के पीछे की वजह थी पिता को नौकरी जाने का डर, क्योंकि यह उनकी चौथी संतान थी।
जंगल में लावारिस मिला मासूम
यह पूरा मामला धनोरा चौकी के अंतर्गत आने वाले ग्राम नांदनवाड़ी का है। बीते रविवार रात को पुलिस को एक राहगीर से सूचना मिली कि रोड घाट के जंगल में पत्थरों के पास दो-तीन दिन का एक नवजात शिशु मिला है। चौकी प्रभारी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुँचे। नवजात को तुरंत प्राथमिक इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जिसके बाद उसे जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए बच्चे के माता-पिता को खोज निकाला और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उन पर 93 बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धारा, संभवतः 307 - हत्या के प्रयास) के तहत मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।
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चौथी संतान होने पर सस्पेंड होने का था डर
आरोपी माता-पिता की पहचान बबलू डांडोलिया और राजकुमारी डांडोलिया के रूप में हुई है, जो मूल रूप से ग्राम सिधौली के रहने वाले हैं। ये दोनों अमरवाड़ा में रहते थे और ग्राम नांदनवाड़ी के प्राइमरी स्कूल में वर्ग 3 के शिक्षक थे। यह बच्चा उनकी चौथी संतान थी, इसलिए उन्हें डर था कि अधिक बच्चे होने के नियम के चलते उनकी नौकरी (सेवा समाप्त) हो सकती है। इसी डर के कारण उन्होंने यह भयानक कदम उठाया और नवजात को जंगल में छोड़ दिया। पुलिस मामले की विस्तृत जाँच कर रही है।
माता-पिता ने कबूला जुर्म
बटकाखापा टीआई अनिल राठौर ने बताया कि पकड़े गए मास्टर बबलू ने पूछताछ में अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। उसने बताया कि पहले से उसके तीन बच्चे (8 साल, 6 साल और 4 साल के) थे और चौथा बच्चा होने पर उसे नौकरी जाने का डर सता रहा था, इसलिए उसने बच्चे को पत्थर से दबा दिया। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उस पर धारा 307 (हत्या का प्रयास) भी लगाई गई है। आरोपी ने साल 2009 में नौकरी जॉइन की थी। मासूम बच्चा इस वक्त अस्पताल में भर्ती है।