Edited By Rohini Oberoi,Updated: 06 Oct, 2025 10:08 AM

भारत में जहां हर साल करोड़ों लोग अपनी आय पर इनकम टैक्स चुकाते हैं वहीं देश में एक ऐसा अनोखा राज्य भी है जिसके मूल निवासियों को अपनी आय पर जीरो टैक्स देना पड़ता है। यह राज्य है सिक्किम। यह छूट किसी आर्थिक रियायत से ज़्यादा सांस्कृतिक और ऐतिहासिक...
नेशनल डेस्क। भारत में जहां हर साल करोड़ों लोग अपनी आय पर इनकम टैक्स चुकाते हैं वहीं देश में एक ऐसा अनोखा राज्य भी है जिसके मूल निवासियों को अपनी आय पर जीरो टैक्स देना पड़ता है। यह राज्य है सिक्किम। यह छूट किसी आर्थिक रियायत से ज़्यादा सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संरक्षण का प्रतीक है।
सिक्किम को क्यों मिली यह विशेष टैक्स छूट?
सिक्किम को यह विशेष सुविधा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 371(F) के तहत मिली हुई है। साल 1975 में जब सिक्किम भारत का हिस्सा बना तब केंद्र सरकार ने यह वादा किया था कि सिक्किम के पारंपरिक कानूनों और प्रशासनिक व्यवस्था को बरकरार रखा जाएगा। इसी वादे को पूरा करने के लिए संविधान में अनुच्छेद 371(F) जोड़ा गया जिसने सिक्किम को विशेष दर्जा दिया।

इसके अलावा इनकम टैक्स एक्ट की धारा 10(26AAA) सिक्किम के मूल निवासियों को टैक्स से पूरी छूट देती है। इस धारा के तहत सिक्किम में रहने वाले और सब्जेक्ट सर्टिफिकेट धारक लोगों के वेतन, व्यापार, निवेश, ब्याज या शेयरों से होने वाली कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता है।
किन्हें नहीं मिलती है यह टैक्स-फ्री सुविधा?
सिक्किम की यह टैक्स-फ्री व्यवस्था सभी लोगों पर लागू नहीं होती है। इसके लिए विशेष पात्रता शर्तें हैं:

यह छूट केवल उन्हीं लोगों को दी जाती है जो 1961 के सिक्किम सब्जेक्ट रेगुलेशन में दर्ज थे या उनके वंशज हैं। इसका अर्थ है कि जो लोग सिक्किम के मूल निवासी नहीं हैं या जिन्होंने बाद में यहां आकर बसना शुरू किया है उन्हें भारत के बाकी हिस्सों की तरह इनकम टैक्स देना पड़ता है।
देश का इकलौता अनोखा टैक्स मॉडल
सिक्किम भारत का एकमात्र राज्य है जहां के मूल निवासियों को इनकम टैक्स नहीं भरना पड़ता है। यह प्रावधान न केवल स्थानीय लोगों को आर्थिक राहत देता है बल्कि उनके पारंपरिक और सामाजिक ढांचे को भी मजबूती देता है। हालाँकि यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि सिक्किम में जीएसटी (GST) या राज्य सरकार द्वारा लगाए गए अन्य प्रकार के कर लागू रहते हैं।