सरकार से बातचीत के बीच किसानों का 1 जनवरी तक के लिए प्लान, 30 को ट्रैक्टर मार्च, 31 को लंगर

Edited By Seema Sharma,Updated: 27 Dec, 2020 10:11 AM

plan for farmers till january 1 in the midst of talks with government

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने सरकार के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का फैसला किया और अगले दौर की वार्ता के लिए 29 दिसंबर की तारीख का प्रस्ताव दिया, ताकि नए कानूनों को लेकर बना गतिरोध दूर हो सके। हालांकि इसके साथ...

नेशनल डेस्क: केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने सरकार के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का फैसला किया और अगले दौर की वार्ता के लिए 29 दिसंबर की तारीख का प्रस्ताव दिया, ताकि नए कानूनों को लेकर बना गतिरोध दूर हो सके। हालांकि इसके साथ ही किसानों ने आंदोलन और तेज करने की चेतावनी दी है। सरकार से बातचीत के बीच भी किसान आगे की रणनीति तैयार कर रह हैं। संगठनों ने साथ ही यह स्पष्ट किया कि कानूनों को निरस्त करने के तौर-तरीके के साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए गारंटी का मुद्दा एजेंडा में शामिल होना चाहिए। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे 40 किसान यूनियनों के मुख्य संगठन संयुक्त किसान मोर्चा की एक बैठक में यह फैसला किया गया।

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किसानों की आगे की रणनीति
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जैसा कि सरकार हमारे साथ बातचीत के लिए तैयार है और हमसे तारीख और हमारे मुद्दों के बारे में पूछ रही है, हमने 29 दिसंबर को बातचीत का प्रस्ताव दिया है। अब, गेंद सरकार के पाले में है कि वह हमें कब बातचीत के लिए बुलाती है।" किसान नेताओं ने स्पष्ट किया कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के तौर-तरीके के साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए गारंटी का मुद्दा सरकार के साथ बातचीत के एजेंडे में शामिल होना चाहिए। किसान संगठनों ने हालांकि अपना आंदोलन तेज करने का भी फैसला किया और उन्होंने 30 दिसंबर को सिंघू-मानेसर-पलवल (KMP) राजमार्ग पर ट्रैक्टर मार्च आयोजित करने का आह्वान किया था। 

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किसानों का ट्रैक्टर मार्च 
किसान नेता दर्शन पाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि तय किया गया है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ 30 दिसंबर को किसान कुंडली-मानेसर-पलवल (KMP) राजमार्ग पर ट्रैक्टर मार्च का आयोजन करेंगे। पाल ने कहा कि हम दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों के लोगों से आने और नए साल का जश्न प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ मनाने का अनुरोध करते हैं। किसान नेता राजिंदर सिंह ने कहा कि हम सिंघू से टीकरी से केएमपी तक मार्च करेंगे। हम आसपास के राज्यों के किसानों से अपनी ट्रॉलियों और ट्रैक्टरों में भारी संख्या में आने की अपील करते हैं। अगर सरकार चाहती है कि हम केएमपी राजमार्ग को जाम नहीं करें तो उन्हें तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा करनी चाहिए।

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किसानों का 1 जनवरी तक के लिए प्लान

  • 29 दिसंबर को सरकार के साथ बातचीत में अगर बात नहीं बनी तो किसानों ने 1 जनवरी 2021 तक के लिए प्लान तैयार करके रखा हुआ है। किसान नेता दर्शनपाल ने बताया कि दिल्ली की सीमा पर बैठे किसान 27 और 28 दिसंबर को गुरु गोविंद सिंह के बेटे का शहीदी दिवस मनाएंगे। 
  • 29 दिसंबर को किसान 11 बजे सरकार से बात करने जाएंगे। अगर दोनों पक्षों के बीच बातचीत सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ती है तो किसान थोड़ी नरमी दिखा सकते हैं।
  • 30 तारीख को किसान ट्रैक्टर से सिंघू से लेकर टिकरी और शाहजहांपुर तक मार्च करेंगे।
  • 31 दिसंबर और 1 जनवरी किसान सिंघु बॉर्डर पर लंगर रहा रहे हैं, इसके लिए किसानों ने लोगों से सिंघू बॉर्डर पहुंचने को कहा है। किसानों ने कहा कि वे लोगों को सिंघू बॉर्डर पर लंगर खाने और उनके साथ नया साल मनाने रे लिए बुला रहे हैं।

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इस बीच राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संयोजक एवं नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने नए केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होने की घोषणा की। बेनीवाल ने अलवर जिले के शाहजहांपुर में किसान रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मैं राजग के साथ 'फेविकोल' से नहीं चिपका हुआ हूं। आज, मैं खुद को राजग से अलग करता हूं।
 

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