Edited By Shubham Anand,Updated: 16 Jul, 2025 03:35 PM

केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए बुधवार को प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी दे दी। यह योजना छह वर्षों के लिए लागू होगी, जिसके तहत हर साल 24,000 करोड़ रुपये का खर्च किया जाएगा।
नेशनल डेस्क : केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए बुधवार को प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी दे दी। यह योजना छह वर्षों के लिए लागू होगी, जिसके तहत हर साल 24,000 करोड़ रुपये का खर्च किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, भंडारण और सिंचाई सुविधाओं को बेहतर बनाना और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देना है।
36 योजनाओं को मिलाकर बनी एक प्रमुख योजना
केंद्रीय बजट में घोषित इस महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत 36 मौजूदा कृषि योजनाओं को एकीकृत किया गया है। योजना की शुरुआत 100 जिलों में की जाएगी, जहां फसल विविधीकरण, पोस्ट-हार्वेस्ट मैनेजमेंट, और सस्टेनेबल एग्रीकल्चर प्रैक्टिसेज़ को बढ़ावा मिलेगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस वार्ता में बताया कि, “प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना से फसल कटाई के बाद भंडारण क्षमता बढ़ेगी, सिंचाई नेटवर्क में सुधार होगा और किसानों की उत्पादकता में वृद्धि होगी।” इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलने की उम्मीद है।
नवीकरणीय ऊर्जा में बड़ा निवेश, NLC और NTPC को मिली मंजूरी
कैबिनेट ने एनएलसी इंडिया लिमिटेड (NLCIL) को नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश के लिए 7,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। यह निवेश कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई एनएलसी इंडिया रिन्यूएबल्स लिमिटेड (NIRL) के माध्यम से किया जाएगा। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने लिया।
सरकार ने एनएलसीआईएल को नवरत्न CPSE के लिए तय मौजूदा निवेश दिशा-निर्देशों से विशेष छूट भी दी है, जिससे कंपनी बिना किसी पूर्व स्वीकृति के NIRL में प्रत्यक्ष रूप से या संयुक्त उपक्रमों के जरिए निवेश कर सकेगी। सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है, “इस रणनीतिक निर्णय से नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से विकास सुनिश्चित होगा और भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।” इसके साथ ही, कैबिनेट ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी NTPC को भी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में 20,000 करोड़ रुपये तक निवेश की अनुमति प्रदान की है।