बागेश्वर धाम के इर्द गिर्द घूमने लगी MP की सियासत, धीरेंद्र बाबा की शरण में नेता

Edited By SS Thakur,Updated: 15 Feb, 2023 05:18 PM

politicians in madhya pradesh started walking around bageshwar dham

मध्यप्रदेश में बागेश्वर धाम के 26 साल के मशहूर बागेश्रवर बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पिछले कुछ हफ्तों से सुर्खियों में हैं। उनके हिंदू राष्ट्र और सनातनी होने के उनके उद्घोष अब राज्य के सियासी गलियारों में भी गूंजने लगे हैं।

जालंधर, नैशनल डैस्क: मध्यप्रदेश में बागेश्वर धाम के 26 साल के मशहूर बागेश्रवर बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पिछले कुछ हफ्तों से सुर्खियों में हैं। उनके हिंदू राष्ट्र और सनातनी होने के उनके उद्घोष अब राज्य के सियासी गलियारों में भी गूंजने लगे हैं। इसकी मुख्य वजह यह भी है कि इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव हैं और बाबा के समर्थकों की भीड़ राज्य में बढ़ती जा रही है। इंटरनेट प्रसार का भी धीरेंद्र शास्त्री ने पूरा लाभ उठाया है। वीडियो यू-ट्यूब, वॉट्स ऐप और संस्कार चैनल के जरिए बड़ी संख्या में उनकी लोगों तक पहुंच है। सोशल मीडिया ने भी उनके प्रचार प्रसार में अहम भूमिका अदा की है। धीरेंद्र शास्त्री के ज़्यादातर वीडियो पर लाखों व्यूज़ हैं। यूट्यूब पर 37 लाख से ज़्यादा सब्सक्राइबर्स और तीन साल में  54 करोड़ से ज्यादा व्यूज हैं। फेसबुक पर बागेश्वर धाम के 30 लाख, ट्विटर पर 60 हजार और इंस्टाग्राम पर 2 लाख से ज़्यादा फॉलोअर हैं। ऐसे में राज्य के चुनावी में राजनीतिज्ञों का उनकी ओर झुकाव स्वाभाविक सा लगता है।  

सीएम शिवराज भी जाएंगे बागेश्वर धाम
भगवान हनुमान को समर्पित मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम मंदिर के कर्ताधर्ता धीरेंद्र शास्त्री को राजनीतिज्ञों द्वारा नजरअंदाज करना  मुश्किल सा प्रतीत होता है। इस साल के अंत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों से पहले, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) समान रूप से इस अब जाने-पहचाने चेहरे का साथ दे रहे हैं। हाल ही में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शास्त्री से उनके गृहनगर छतरपुर में मुलाकात की। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी आने वाले दिनों में बाबा से मिलने वाले हैं। जानकारों का कहना है कि कमलनाथ अपने आप को एक कट्टर हिंदू के तौर पर पेश करते हैं लेकिन भाजपा के नेताओं के लिए यह सामान्य बात है।

भाजपा को ऐसे हो सकता है फायदा
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पिछले दो वर्षों में प्रसिद्धि हासिल की और वर्तमान में उनके बड़ी संख्या में अनुयायी हैं। उनका मुख्य समर्थक आधार मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में रहता है, लेकिन छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और उत्तर भारत के कुछ अन्य हिस्सों के साथ-साथ राज्य भर में उनका अनुसरण बढ़ा है। एक रिपोर्ट में कहा गया है भाजपा ओबीसी और अन्य समुदायों के वोट बैंक को हिंदुत्व बयानबाजी से साधना चाहती है, क्योंकि  2018 के विधानसभा चुनावों के बाद यह समुदाय अधिक संगठित और राजनीतिक रूप से आक्रामक हो गए हैं। ऐसे में शास्त्री जो अपने 'चमत्कार' के दावों और टीवी स्क्रीन पर अपनी मजाकिया उपस्थिति के लिए लोकप्रिय हैं, उनके कार्य और बयान केवल भाजपा के कारण को आगे बढ़ाते हैं।

क्या कहते हैं भाजपा नेता
शास्त्री के पूर्वज भी कथित तौर पर इसी पेशे में थे, लेकिन शास्त्री धार्मिक भावनाओं को उनसे कहीं बेहतर तरीके से पकड़ने में सफल रहे हैं। भाजपा के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने कहा कि उन्होंने हमेशा पार्टी की विचारधारा का समर्थन करने वाले लोगों का स्वागत किया है और शास्त्री उस बात की वकालत कर रहे हैं जो भाजपा के दिल और कार्यों में हमेशा रही है। वह उन विचारों का समर्थन करते हैं जिनके लिए हम युगों से काम कर रहे हैं। उनके पास बड़े पैमाने पर अनुयायी हैं और इसके लिए मुखर हैं। हम हमेशा समान विचारधारा वाले लोगों के साथ खड़े रहे हैं। पार्टी के सूत्रों ने द क्विंट को बताया कि सतर्क बीजेपी चीजों को चलने दे रही है, उन्होंने कहा कि बीजेपी इस विचार का प्रचार नहीं करना चाहती है कि शास्त्री और पार्टी के बीच कोई साझेदारी है, लेकिन हिंदुत्व के लिए आपसी सम्मान है.

क्या कहती है राज्य कांग्रेस
शास्त्री द्वारा 'हिंदू राष्ट्र' के समर्थन की बात कहने के बाद कमलनाथ की हाल ही में उनसे हुई मुलाकात ने राज्य के राजनीतिक क्षेत्र में हलचल मचा दी थी।  कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री एक सच्चे भक्त हैं और जहां भी जाते हैं धार्मिक स्थलों का दौरा करते हैं। यह एक बहुत ही साधारण यात्रा थी। कमलनाथ एक सच्चे भक्त होने के नाते जहां भी जाते हैं, धार्मिक स्थलों पर जाने के लिए हमेशा समय निकाल लेते हैं। बबेले ने कहा कि कमलनाथ जी हनुमान मंदिर गए। मंदिर के पुजारी धीरेंद्र शास्त्री जी से मिले और फिर बाहर आए और कहा कि देश संविधान के अनुसार ही चलेगा। क्या कोई और नेता ऐसा कर सकता है? हालांकि मध्य प्रदेश में पत्रकार से राजनीतिक पर्यवेक्षक बने दीपक तिवारी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया हे कि कमलनाथ की यात्रा एक जोखिम की तरह हो सकती है, क्योंकि कांग्रेस को "मुस्लिम समर्थक" होने की धारणा का भाजपा को फायदा हो सकता है।
 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!