Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 24 Jul, 2025 02:56 PM

साल 2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर देश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। जगदीप धनखड़ के अप्रत्याशित इस्तीफे के बाद यह सवाल अब हर तरफ उठ रहा है कि आखिर नया उपराष्ट्रपति कौन होगा? मीडिया में कई नामों की चर्चा है, लेकिन सूत्रों की मानें तो इस बार...
नेशनल डेस्क: साल 2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर देश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। जगदीप धनखड़ के अप्रत्याशित इस्तीफे के बाद यह सवाल अब हर तरफ उठ रहा है कि आखिर नया उपराष्ट्रपति कौन होगा? मीडिया में कई नामों की चर्चा है, लेकिन सूत्रों की मानें तो इस बार उम्मीदवार न तो चमकते चेहरों में से होगा और न ही सिर्फ राजनीतिक हैसियत से तय किया जाएगा। संघ की पसंद, पार्टी के प्रति निष्ठा और विचारधारा से जुड़ाव— ये तीन प्रमुख मानदंड बन गए हैं उपराष्ट्रपति पद की रेस के लिए। यही वजह है कि चर्चित नामों के बीच से भी कोई चेहरा चयनित न हो—इसकी पूरी संभावना जताई जा रही है। जहां एक ओर हरिवंश नारायण सिंह, शिवराज सिंह चौहान, रामनाथ ठाकुर, रविशंकर प्रसाद और थावरचंद गहलोत जैसे वरिष्ठ नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं, वहीं संघ के करीबी सूत्रों का दावा है कि इस बार बीजेपी किसी ऐसे चेहरे पर दांव लगाएगी जो वर्षों से संगठन का हिस्सा रहा हो, लाइमलाइट से दूर हो और विवादों से भी बचा रहा हो।
मीडिया में चर्चित नाम
अब तक चर्चा में ये चेहरे हैं:
-
हरिवंश नारायण सिंह (राज्यसभा उपसभापति)
-
शिवराज सिंह चौहान (केंद्रीय कृषि मंत्री)
-
रामनाथ ठाकुर (केंद्रीय मंत्री)
-
रविशंकर प्रसाद (पूर्व केंद्रीय मंत्री)
-
थावरचंद गहलोत (राज्यपाल)
-
रमा देवी, ओम माथुर, आरिफ मोहम्मद खान, रघुवर दास आदि
हालांकि RSS सूत्रों का कहना है कि इनमें से शायद ही कोई उम्मीदवार हो, क्योंकि संघ चाहता है कि बिल्कुल खांटी स्वयंसेवक, पार्टी के भीतर का चेहरा चुना जाए।
धनखड़ और मलिक से सीखा सबक
RSS और बीजेपी दोनों ही इस बार बहुत सावधानी से उम्मीदवार चुनने की सोच में हैं। कारण है पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का विवादास्पद कार्यकाल।
इन दोनों नेताओं ने कभी बीजेपी विचारधारा से बाहर रहकर काम किया था और बाद में पार्टी में शामिल हुए। लेकिन इनकी बयानबाज़ी से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा।
संघ की क्या है सोच?
एक वरिष्ठ RSS नेता ने बताया कि संगठन इस बार ऐसे व्यक्ति को मौका देना चाहता है जो वर्षों से संघ के संस्कार में ढला हो और सरकारी जिम्मेदारी निभाने में संयमित हो। इसीलिए इस बार का उपराष्ट्रपति एक अनजाना, लेकिन अनुभवी चेहरा हो सकता है। सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे से लौटने के बाद टॉप लीडरशिप की बैठक में नाम तय होगा। इसमें गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और कुछ अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।
चुनाव आयोग की तैयारी
चुनाव आयोग ने 23 जुलाई 2025 से उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है। संसद के दोनों सदनों के सांसद इस चुनाव में वोट करेंगे। जल्द ही चुनाव की तारीखों की औपचारिक घोषणा हो सकती है। जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया था। उनका कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था। उनके इस्तीफे के बाद से यह पद रिक्त है, जिससे संवैधानिक रूप से नया चुनाव अनिवार्य हो गया है।