Edited By Anu Malhotra,Updated: 24 Jul, 2025 12:49 PM

सरकारी राशन और उससे जुड़ी योजनाओं का लाभ लेने वालों के लिए एक अहम चेतावनी है। केंद्र सरकार ने अब उन लोगों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का फैसला लिया है, जो केवल कागजों पर योजनाओं का लाभ ले रहे हैं लेकिन वास्तव में राशन नहीं उठा रहे। नए आदेश के तहत अगर...
नेशनल डेस्क: सरकारी राशन और उससे जुड़ी योजनाओं का लाभ लेने वालों के लिए एक अहम चेतावनी है। केंद्र सरकार ने अब उन लोगों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का फैसला लिया है, जो केवल कागजों पर योजनाओं का लाभ ले रहे हैं लेकिन वास्तव में राशन नहीं उठा रहे। नए आदेश के तहत अगर किसी लाभार्थी ने लगातार छह महीने तक राशन नहीं लिया है, तो उसका राशन कार्ड रद्द किया जा सकता है।
क्यों आई ये सख्ती?
देश में फिलहाल करीब 23 करोड़ राशन कार्ड हैं, लेकिन इनमें से लाखों कार्ड धारक ऐसे हैं जो वर्षों से न तो राशन ले रहे हैं और न ही पात्रता की जांच में खरे उतरते हैं। सरकार को आशंका है कि बड़ी संख्या में फर्जी राशन कार्ड केवल सरकारी लाभ के लिए बनाए गए हैं। अनुमान है कि 25 लाख से ज्यादा कार्ड पूरी तरह फर्जी हो सकते हैं।
कितने कार्ड होंगे रद्द?
नई गाइडलाइन के अनुसार, 18% तक राशन कार्ड रद्द किए जा सकते हैं। जिन लाभार्थियों ने छह महीने या उससे अधिक समय से राशन नहीं लिया है, उनका नाम प्राथमिकता से हटाया जाएगा। यह नियम न केवल सामान्य कार्ड धारकों पर लागू होगा बल्कि गरीब कल्याण अन्न योजना के लाभार्थियों पर भी प्रभावी होगा।
घर-घर होगी जांच
सरकार ने निर्देश दिया है कि राज्य प्रशासन घर-घर जाकर सत्यापन करेगा। जिन परिवारों ने ई-केवाईसी कराई है, उनकी भी पात्रता दोबारा जांची जाएगी। यह प्रक्रिया इस बात को सुनिश्चित करेगी कि सरकारी योजनाओं का लाभ केवल वास्तविक जरूरतमंदों को ही मिले।
E-KYC अब ज़रूरी
जिन लोगों ने अभी तक अपने राशन कार्ड का ई-केवाईसी नहीं कराया, उनके कार्ड सबसे पहले जांच के घेरे में आएंगे। सरकार का मानना है कि ई-केवाईसी नहीं कराने वालों में फर्जी कार्डधारकों की संख्या ज्यादा हो सकती है। इसलिए अगर आप लाभार्थी हैं, तो तुरंत ई-केवाईसी करवाना जरूरी है।
क्यों बनवा रहे हैं फर्जी राशन कार्ड?
ऐसे बहुत से लोग हैं जो राशन नहीं लेते लेकिन सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए राशन कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। जैसे:
-आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज के लिए
-EWS कोटे से एडमिशन के लिए
-या फिर अन्य सरकारी सब्सिडी योजनाओं के लिए
-इन लोगों ने पात्रता न होते हुए भी कार्ड बनवा रखा है, जिससे असली ज़रूरतमंद वंचित रह जाते हैं।