Edited By Parveen Kumar,Updated: 03 Oct, 2025 10:11 PM

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंक खाताधारकों के लिए नई चेक क्लीयरेंस प्रणाली की घोषणा की है, जो 4 अक्टूबर 2025 से लागू होगी। इस नई व्यवस्था के तहत अब ग्राहकों को कई दिनों तक इंतजार करने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि उनका चेक कुछ ही घंटों में क्लियर हो...
नेशनल डेस्क: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंक खाताधारकों के लिए नई चेक क्लीयरेंस प्रणाली की घोषणा की है, जो 4 अक्टूबर 2025 से लागू होगी। इस नई व्यवस्था के तहत अब ग्राहकों को कई दिनों तक इंतजार करने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि उनका चेक कुछ ही घंटों में क्लियर हो सकेगा।
चेक कैसे होगा तुरंत क्लियर?
आरबीआई ने बताया कि इस सुविधा के लिए चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) का उपयोग किया जाएगा। इस प्रणाली में जब कोई भी चेक बैंक में जमा किया जाएगा, तो उसकी स्कैन कॉपी संबंधित बैंक को भेजी जाएगी। संबंधित बैंक को तय समय के भीतर इसे एक्सेप्ट या रिजेक्ट करना होगा।
यदि चेक में सही तारीख, भुगतानकर्ता का नाम और राशि भरी गई हो और सिग्नेचर बैंक रिकॉर्ड से मेल खाता हो, तो चेक उसी दिन क्लियर हो जाएगा। वहीं, ओवरराइटिंग या किसी भी प्रकार की गड़बड़ी होने पर चेक रिजेक्ट कर दिया जाएगा।
आरबीआई करेगी दो चरणों में शुरुआत
आरबीआई के अनुसार, इस नई प्रणाली को दो चरणों में लागू किया जाएगा:
- पहला चरण (4 अक्टूबर 2025 – 3 जनवरी 2026): बैंक में चेक जमा होने के बाद शाम 7 बजे तक संबंधित बैंक को इसे एक्सेप्ट या रिजेक्ट करना होगा।
- दूसरा चरण (3 जनवरी 2026 से): चेक क्लियर होने की तय सीमा केवल 3 घंटे कर दी जाएगी, जिससे ग्राहकों को पहले की तुलना में बहुत सुविधा होगी।
इस बदलाव से पहले चेक क्लियर होने में 2-3 दिन का समय लगता था, जिससे कई बार ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। अब यह इंतजार केवल कुछ घंटे तक सीमित रहेगा, जिससे बैंकिंग अनुभव और तेज और सुविधाजनक हो जाएगा।