Edited By Anu Malhotra,Updated: 13 Sep, 2025 12:25 PM

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) को लेकर एक अहम अपडेट सामने आया है, जो इस क्षेत्र में रियल एस्टेट निवेश करने वालों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) ने एयरपोर्ट से सटे इलाकों के लिए कुछ...
नेशनल डेस्क: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) को लेकर एक अहम अपडेट सामने आया है, जो इस क्षेत्र में रियल एस्टेट निवेश करने वालों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) ने एयरपोर्ट से सटे इलाकों के लिए कुछ सख्त और रणनीतिक नियम लागू किए हैं, जिनका असर सीधे जमीन और प्रॉपर्टी की कीमतों पर पड़ने वाला है।
क्या हैं YEIDA के नए नियम?
YEIDA और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने मिलकर एक स्पेशल कलर-कोडेड ज़ोनिंग मैप तैयार किया है। इसके ज़रिए यह तय किया जाएगा कि एयरपोर्ट के आस-पास कौन-सी इमारत कितनी ऊंचाई तक बनाई जा सकती है। इस नक्शे के अनुसार: अगर किसी बिल्डिंग का डिज़ाइन सुरक्षा मानकों पर खरा नहीं उतरता, तो बिल्डिंग प्लान को रिजेक्ट किया जा सकता है। ज़्यादा ऊंचाई वाली इमारतों पर सख्त निगरानी होगी।
बिना अनुमति के कंस्ट्रक्शन पर रोक लगेगी।
इन नियमों का मकसद क्या है?
-रनवे के आसपास हवाई सुरक्षा को बेहतर बनाना।
-बेवजह और अव्यवस्थित निर्माण को रोकना।
-एयरपोर्ट के इर्द-गिर्द एक सुनियोजित शहरी ढांचा तैयार करना।
-निवेश और विकास को दिशा देना।
प्रॉपर्टी के दाम क्यों बढ़ेंगे?
-इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास भूमि का मूल्य पहले ही उच्च स्तर पर है, लेकिन अब निर्माण की मंजूरी पाना कठिन होगा।
-इससे उच्च गुणवत्ता वाली सीमित बिल्डिंग्स ही बन सकेंगी, जिससे जमीन की मांग और कीमतें दोनों बढ़ेंगी।
-बड़े रियल एस्टेट प्लेयर पहले ही इस क्षेत्र में अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुके हैं।
-एयरपोर्ट चालू होने के बाद यहां पर कॉर्पोरेट ऑफिस, लॉजिस्टिक्स हब और IT पार्क्स तेजी से विकसित होंगे।
इन लोगों को होगा सबसे ज़्यादा फायदा
-जेवर और आसपास के भू-स्वामियों को।
-जिनके पास दुकानें, मकान या खेत हैं।
-निवेशक जो अभी लो बजट में एंट्री करने की सोच रहे हैं।
-रियल एस्टेट कंपनियां जो प्री-लॉन्च स्टेज पर प्रोजेक्ट शुरू कर रही हैं।
इन्फ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ और रोजगार
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के इस साल के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है। इसके बाद:
-रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
-आईटी, मैन्युफैक्चरिंग और लॉजिस्टिक्स जैसी इंडस्ट्रीज़ को बूस्ट मिलेगा।
-यमुना एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल और आस-पास की कनेक्टिविटी और मजबूत होगी।