भारतीय किसान यूनियन में पड़ी दरार, कई प्रमुख नेताओं ने राकेश टिकैत का साथ छोड़ा, इस नाम से बनाया नया संगठन

Edited By Yaspal,Updated: 15 May, 2022 08:08 PM

rift in the bku many prominent leaders left the side of rakesh tikait

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के संस्थापक महेंद्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि पर रविवार को संगठन में दो फाड़ हो गए और संगठन के एक वरिष्ठ राष्ट्रीय पदाधिकारी राजेश चौहान ने भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) के नाम से अलग गुट बनाने का ऐलान कर दिया

नेशनल डेस्कः भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के संस्थापक महेंद्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि पर रविवार को संगठन में दो फाड़ हो गए और संगठन के एक वरिष्ठ राष्ट्रीय पदाधिकारी राजेश चौहान ने भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) के नाम से अलग गुट बनाने का ऐलान कर दिया। भाकियू के एक वरिष्ठ पदाधिकारी हरिनाम सिंह ने बताया "संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश चौहान ने महेंद्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि के अवसर पर रविवार को लखनऊ में भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) के गठन की घोषणा की है।"

चौहान ने इस अवसर पर कहा "मैंने समय-समय पर अपने दृष्टिकोण को सामने रखने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने (भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत और प्रवक्ता राकेश टिकैत) न तो कार्यकर्ताओं की बात सुनी और ना ही किसानों की समस्याओं पर ध्यान दिया। वह गलत संगत में पड़ गए और हमारा अपमान किया।" उन्होंने कहा "मैंने दिल से नरेश टिकैत और राकेश टिकैत का समर्थन किया लेकिन जब चुनाव (उत्तर प्रदेश के हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव) आए तो वह दोनों महेंद्र सिंह टिकैत के आदर्शों से भटक गए। वे राजनीतिक पचड़े में फंस गए और संगठन को राजनीतिक दलों के हाथों की कठपुतली बना दिया।"

राकेश टिकैत पर लगे आरोप
चौहान ने किसी भी राजनीतिक दल का नाम लिए बगैर कहा "राकेश टिकैत राजनीतिक दलों के प्रभाव में थे। उन्होंने चुनाव में एक पार्टी के लिए प्रचार किया जबकि दूसरी पार्टी का विरोध किया।" बाद में संवाददाताओं से बातचीत में चौहान ने कहा कि अलग संगठन बनाने का फैसला उनका निजी नहीं है बल्कि उनके कार्यकर्ताओं और किसानों का है।

डैमेज कंट्रोल में जुटे रहे राकेश टिकैत
2 दिनों तक राकेश टिकैत लखनऊ में रहकर डैमेज कंट्रोल में जुटे थे, लेकिन वह सफल नहीं हुए। टिकैत का साथ छोड़ने वाले किसान नेता इस बात से खफा हैं कि यह संगठन अब किसानों के मुद्दों को छोड़कर राजनीति की तरफ जा रहा है। असंतुष्ट किसान नेताओं को मनाने के लिए भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत शुक्रवार को ही लखनऊ पहुंच गए थे। वे हरनाम सिंह के आवास पर ठहरे। शुक्रवार देर रात तक असंतुष्ट गुट से समझौता वार्ता होती रही, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। इसके बाद शनिवार शाम टिकैत लखनऊ से मुजफ्फरनगर के लिए वापस लौट गए, क्योंकि रविवार को मुजफ्फरनगर में महेंद्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि पर बड़ा कार्यक्रम था।


 

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