बेटी रोहिणी ने दी थी पिता लालू यादव को किडनी, जानिए 1 किडनी निकलवाने के बाद कितनी हो सकती है शख्स की उम्र

Edited By Updated: 18 Nov, 2025 01:35 PM

rohini donated kidney to lalu yadav know how long person can live with 1 kidney

रोहिणी आचार्य ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव को किडनी दान की थी। सामान्यतः एक किडनी निकालने के बाद व्यक्ति कुछ समय तक हल्की कमजूरी, थकान और शारीरिक सीमाओं का अनुभव कर सकता है, लेकिन कुछ हफ्तों में शरीर सामान्य रूप से कार्य करने लगता है। बची हुई किडनी...

नेशनल डेस्क : आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने वर्ष 2022 में अपने पिता की जान बचाने के लिए अपनी एक किडनी दान की थी। उस समय उनके इस कदम की खूब सराहना हुई थी, लेकिन दो साल बाद अब वे परिवारिक विवादों को लेकर सुर्खियों में हैं। रोहिणी का कहना है कि किडनी देने के बाद उनके परिवार ने न सिर्फ उनकी बातों को नजरअंदाज किया बल्कि कुछ सदस्यों ने उनकी किडनी डोनेट को लेकर अपमानजनक बातें भी कही। सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा कि उन्हें सम्मान के बजाय तिरस्कार झेलना पड़ा और उन पर पैसे या राजनीतिक फायदे के लिए किडनी दान करने तक के आरोप लगाए गए।

रोहिणी ने यह भी कहा कि शादीशुदा बेटियों को ऐसे हालात में मायके की जिम्मेदारियां नहीं उठानी चाहिए और परिवार के पुरुष सदस्यों को आगे आना चाहिए। इस विवाद के बीच एक बार फिर सवाल उठा कि क्या एक किडनी के साथ सामान्य जीवन जीना संभव है?

क्या एक किडनी में सामान्य जीवन संभव है?

विशेषज्ञों के अनुसार, एक किडनी होने पर भी व्यक्ति पूरी तरह सामान्य और लंबा जीवन जी सकता है। शरीर में बची किडनी धीरे-धीरे खुद को इस तरह एडजस्ट कर लेती है कि वह दोनों किडनियों का काम अकेली कर सके। ऐसे लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी ऑफिस, यात्रा, हल्की एक्सरसाइज सब कुछ सामान्य रूप से कर सकते हैं। बस स्वस्थ खान-पान, पर्याप्त पानी, और नियमित हेल्थ चेकअप जरूरी हैं।

क्या किडनी दान करने से जीवन छोटा हो जाता है?

अध्ययनों ने साबित किया है कि किडनी डोनर्स की उम्र सामान्य लोगों जितनी ही रहती है, कभी-कभी उससे भी बेहतर। चूंकि डोनर पहले से ही पूरी तरह स्वस्थ होते हैं, इसलिए उनकी स्वास्थ्य निगरानी भी लंबे समय तक अच्छी रहती है।

क्या एक किडनी में कोई खतरे भी हैं?

अधिकांश लोग बिना परेशानी जीवन बिताते हैं, लेकिन कुछ मामलों में कई साल बाद हल्की कमजोरी, थकान या ब्लड प्रेशर बढ़ने जैसी मामूली समस्याएं दिख सकती हैं। हालांकि, ये बेहद कम प्रतिशत में होती हैं और समय रहते चेकअप कराने से इनका प्रबंधन आसान हो जाता है।

महिलाओं की प्रेग्नेंसी पर प्रभाव

एक किडनी होने पर महिलाएं सामान्य गर्भावस्था कर सकती हैं। हां, प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड प्रेशर बढ़ने का थोड़ा जोखिम रहता है, लेकिन समय पर डॉक्टर्स की निगरानी में यह पूरी तरह संभाला जा सकता है।

डाइट में क्या बदलाव जरूरी हैं?

एक किडनी वालों को आमतौर पर किसी विशेष डाइट की आवश्यकता नहीं होती। बस बैलेंस्ड खान-पान, कम नमक और पर्याप्त पानी जरूरी है। कुछ खाद्य पदार्थ जैसे ग्रेपफ्रूट या उसका जूस कुछ दवाओं के असर को प्रभावित कर सकता है, इसलिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है।

 

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