Edited By Mehak,Updated: 13 Oct, 2025 01:54 PM

भारतीय रुपये में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। सोमवार को शुरुआती कारोबार में रुपया 5 पैसे फिसलकर 88.77 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया। विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी डॉलर की मजबूती और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के चलते रुपये पर दबाव बना हुआ है।...
नेशनल डेस्क : भारतीय रुपये में कमजोरी का सिलसिला लगातार जारी है। सोमवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 88.77 रुपये प्रति डॉलर पर खुला और 5 पैसे की गिरावट के साथ 88.77 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा विशेषज्ञों का कहना है कि रुपया अपने इतिहास के सबसे निचले स्तर के करीब बना हुआ है।
विशेषज्ञों की राय
Head of Finrex Treasury Advisors LLP अनिल कुमार भंसाली के अनुसार, रुपया-डॉलर जोड़ी पर अमेरिकी डॉलर की मजबूती का प्रभाव स्पष्ट है। इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर हल्का रिस्क-ऑफ (Risk-off) माहौल और घरेलू कारक जैसे कि RBI की स्थिर नीतिगत स्थिति और नियंत्रित मुद्रास्फीति रुपये की दिशा तय करने में योगदान दे रहे हैं। भंसाली ने बताया कि डॉलर इंडेक्स में हल्की गिरावट आई है, जो अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव में नरमी के कारण है।
रुपया क्यों टूट रहा है?
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 88.75 रुपये प्रति डॉलर पर खुला और थोड़ी देर में 88.77 रुपये तक गिर गया। यह पिछले सत्र के बंद भाव 88.72 रुपये से 5 पैसे की गिरावट दर्शाता है। डॉलर इंडेक्स, जो छह प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति बताता है, 0.04% घटकर 98.93 पर आ गया।
घरेलू शेयर बाजार पर असर
रुपये की कमजोरी का असर घरेलू शेयर बाजार में भी दिखा। BSE Sensex शुरुआती कारोबार में 451.82 अंक गिरकर 82,049 अंक पर खुला, जबकि NSE Nifty 50 में 109.55 अंकों की गिरावट दर्ज की गई और यह 25,175.80 अंक पर रहा।
क्रूड ऑयल और FIIs का रुख
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड ऑयल 1.50% बढ़कर 63.67 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। वहीं, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) शुक्रवार को शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 459.20 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। विशेषज्ञों का कहना है कि डॉलर की मजबूती, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता रुपये पर दबाव बनाए हुए हैं।