Edited By Radhika,Updated: 05 Dec, 2025 11:55 AM

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन राष्ट्रपति भवन पहुंच चुके हैं। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया। राष्ट्रपति भवन में पुतिन के स्वागत के बाद दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता शुरू होगी।
नेशनल डेस्क: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन राष्ट्रपति भवन पहुंच चुके हैं। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति भवन में उनका शानदार और औपचारिक स्वागत किया। राष्ट्रपति पुतिन जब राष्ट्रपति भवन पहुंचे तो उनकी आगवानी में भारतीय सैन्य परंपरा का भव्य प्रदर्शन हुआ। उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई। ये सलामी किसी भी राष्ट्राध्यक्ष के लिए सर्वोच्च सम्मान का प्रतीक होता है। इसके तुरंत बाद पुतिन को Guard of Honour भी दिया गया। सैन्य बैंड की धुन पर भारतीय सेना के तीनों अंगों के जवानों ने परेड करते हुए उन्हें सम्मान दिया।
पुतिन गार्ड ऑफ ऑनर के बाद राजघाट के लिए रवाना, पीएम मोदी ने दी विदाई
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में आयोजित औपचारिक स्वागत कार्यक्रम अब संपन्न हो चुका है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिलकर रूसी राष्ट्रपति का स्वागत किया और गार्ड ऑफ ऑनर के बाद उन्हें विदाई दी।औपचारिक समारोह के बाद पीएम मोदी भी राष्ट्रपति भवन से रवाना हो गए हैं।
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पुतिन महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे
राष्ट्रपति पुतिन अब सीधे राजघाट के लिए रवाना हो गए हैं। अपनी यात्रा के अगले चरण में पुतिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। किसी भी राष्ट्राध्यक्ष के भारत दौरे पर राजघाट जाना एक स्थापित परंपरा है, जो भारत के प्रति सम्मान और महात्मा गांधी के वैश्विक महत्व को दर्शाता है।
राजघाट से लौटने के बाद होगी वार्ता
राजघाट से लौटने के बाद पुतिन और पीएम मोदी के बीच द्विपक्षीय शिखर वार्ता शुरू होने की उम्मीद है।
देखें इस स्वागत का वीडियो-
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यह औपचारिक स्वागत भारत और रूस के बीच सदियों पुराने मजबूत और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक संबंधों की गहराई को दर्शाता है। गार्ड ऑफ ऑनर के बाद पुतिन द्विपक्षीय वार्ता के लिए आगे बढ़ेंगे, जहां दोनों देशों के प्रमुख रक्षा, व्यापार और भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। भारत और रूस के बीच यह उच्च-स्तरीय मुलाकात दोनों देशों के विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी (Special and Privileged Strategic Partnership) को आगे बढ़ाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच पहले ही '2+2' वार्ता हो चुकी है, जिसने इस शिखर सम्मेलन का मंच तैयार कर दिया है।