Edited By Mehak,Updated: 24 Dec, 2025 04:01 PM

साउथ कोरिया के 36 वर्षीय वैज्ञानिक यंगहून किम ने दावा किया है कि उन्होंने गणित के जरिए भगवान के अस्तित्व को साबित किया है। उनके इस दावे ने आस्तिक और नास्तिक बहस को एक बार फिर तेज कर दिया है। सोशल मीडिया पर यह दावा तेजी से वायरल हो रहा है। हालांकि कई...
नेशनल डेस्क : सदियों पुरानी 'आस्तिक बनाम नास्तिक' की बहस में अब एक हैरान करने वाला दावा सामने आया है। साउथ कोरिया के 36 वर्षीय वैज्ञानिक यंगहून किम का कहना है कि उन्होंने गणितीय तर्कों के जरिए 'भगवान के अस्तित्व' को साबित कर दिया है। उनका यह दावा सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
यंगहून किम कोई आम व्यक्ति नहीं हैं। उनका दावा है कि वर्ल्ड माइंड स्पोर्ट्स काउंसिल (World Mind Sports Council) ने उनका IQ 276 रिकॉर्ड किया है। तुलना करें तो महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein) और स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) का IQ लगभग 160 माना जाता था। किम का कहना है कि विज्ञान और ईश्वर अलग-अलग नहीं हैं और गणित के जरिए इसका प्रमाण लगाया जा सकता है।
किम का गणितीय दावा
किम ने एक वायरल वीडियो में तीन सरल तथ्यों के जरिए ईश्वर के अस्तित्व को समझाया। उनका कहना है कि जैसे गणित में कोई भी रेखा बिना शुरुआती बिंदु के नहीं बन सकती, वैसे ही ब्रह्मांड का अस्तित्व भी बिना किसी आरंभिक कारण के संभव नहीं है। उनके अनुसार, ब्रह्मांड और जीवन का पहला कारण 'Timeless और Intelligent' होना चाहिए, जिसे हम भगवान कहते हैं।
किम का यह भी कहना है कि हमारी चेतना (Consciousness) एक क्वांटम इंफॉर्मेशन है, जो शरीर खत्म होने के बाद भी नष्ट नहीं होती। इसका मतलब है कि मौत अंत नहीं, बल्कि सिर्फ एक बदलाव है। इसके अलावा, किम का मानना है कि इतिहास में सबसे बुद्धिमान व्यक्ति जीसस थे और आइंस्टीन या न्यूटन उनके सामने कुछ नहीं हैं।
सवाल और विवाद
जहां किम के समर्थक उनके दावे से उत्साहित हैं, वहीं वैज्ञानिक और विशेषज्ञ इसे विवादास्पद मान रहे हैं। कई रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों का कहना है कि किसी इंसान का IQ 276 होना व्यावहारिक रूप से मुमकिन नहीं है। आलोचकों के अनुसार किम का IQ स्कोर बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है। सोशल मीडिया और Reddit जैसे प्लेटफॉर्म पर नेटिजन्स इसे स्कैम या झूठा दावा करार दे रहे हैं।
इस तरह, यंगहून किम का गणितीय भगवान वाला दावा अब इंटरनेट पर तेजी से चर्चा का विषय बन गया है। जहां एक ओर लोग इसे प्रेरणादायक मान रहे हैं, वहीं दूसरी ओर वैज्ञानिक इसे गंभीरता से नहीं ले रहे और इसे आलोचना का निशाना बना रहे हैं।
यह भी पढ़ें - भ्रष्टाचार का बड़ा मामला, सरकारी अफसर के पास 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का अनुमान