Edited By Parveen Kumar,Updated: 19 Dec, 2025 09:54 PM

पेट का कैंसर एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है, जो हर साल दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। भले ही इसके पीछे जेनेटिक और पर्यावरणीय कारण भी जिम्मेदार हों, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि खानपान और लाइफस्टाइल इसकी सबसे बड़ी वजह बनते हैं। अच्छी...
नेशनल डेस्क: पेट का कैंसर एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है, जो हर साल दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। भले ही इसके पीछे जेनेटिक और पर्यावरणीय कारण भी जिम्मेदार हों, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि खानपान और लाइफस्टाइल इसकी सबसे बड़ी वजह बनते हैं। अच्छी बात यह है कि रोजमर्रा की आदतों में कुछ छोटे लेकिन सही बदलाव करके पेट की सेहत को बेहतर बनाया जा सकता है और कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। संतुलित भोजन, साफ-सफाई और समय पर जांच पेट को लंबे समय तक स्वस्थ रखने में मदद करती है।
पेट के कैंसर से बचाव के 4 आसान और असरदार तरीके
AIIMS, हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड से प्रशिक्षित गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी ने हाल ही में सोशल मीडिया के जरिए पेट के कैंसर से बचाव को लेकर कुछ अहम सुझाव साझा किए हैं। उनका कहना है कि समय रहते सावधानी बरती जाए, तो इस बीमारी के खतरे को काफी हद तक टाला जा सकता है।
डाइट में क्रूसीफेरस सब्जियां जरूर शामिल करें
ब्रोकली, पत्ता गोभी, फूलगोभी, ब्रसेल्स स्प्राउट्स और केल जैसी सब्जियां पेट के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती हैं। इनमें मौजूद सल्फोराफेन तत्व कैंसर से लड़ने में मदद करता है। ये सब्जियां शरीर से जहरीले तत्वों को बाहर निकालने, लिवर को मजबूत बनाने और कोशिकाओं को नुकसान से बचाने का काम करती हैं। इन्हें भाप में पकाकर या हल्का भूनकर खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। साथ ही इनमें मौजूद विटामिन C, K और फोलेट इम्युनिटी बढ़ाने में भी सहायक होते हैं।
खाने में लहसुन को बनाएं आदत
लहसुन को आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों में सेहत का खजाना माना जाता है। इसमें पाया जाने वाला एलिसिन तत्व एंटी-कैंसर और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। लहसुन पेट की अंदरूनी परत की रक्षा करता है और हानिकारक बैक्टीरिया, खासकर हेलिकोबैक्टर पाइलोरी को पनपने से रोकता है। इसे सूप, दाल, सब्जी या सलाद में शामिल किया जा सकता है। कच्चा लहसुन सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है, हालांकि हल्का पकाने पर भी इसके गुण काफी हद तक बने रहते हैं।
प्रोसेस्ड मीट से बनाएं दूरी
बेकन, सॉसेज, हॉट डॉग और डेली मीट जैसे प्रोसेस्ड फूड में नाइट्रेट और नाइट्राइट जैसे रसायन पाए जाते हैं, जो पेट के कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। इनका अधिक सेवन पाचन तंत्र में सूजन और नुकसान पैदा करता है। डॉ. सेठी सलाह देते हैं कि प्रोसेस्ड मीट की जगह ताजा और हल्का भोजन चुनें। चिकन, मछली, दालें और प्लांट-बेस्ड प्रोटीन बेहतर विकल्प हैं। साथ ही जले-भुने या अत्यधिक तले हुए मांस से भी परहेज करना जरूरी है।
हेलिकोबैक्टर पाइलोरी की समय पर जांच कराएं
एच. पाइलोरी नाम का बैक्टीरिया पेट में संक्रमण पैदा करता है, जो आगे चलकर गैस्ट्राइटिस, अल्सर और पेट के कैंसर का कारण बन सकता है। अगर आपको बार-बार पेट दर्द, जलन, गैस, मतली या अपच की समस्या रहती है, तो जांच जरूर करानी चाहिए। समय पर एंटीबायोटिक और दवाओं से इसका इलाज संभव है। साफ पानी पीना, स्वच्छ भोजन करना और नियमित हेल्थ चेकअप पेट को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।