राहुल गांधी के बयान से मचा बवाल: 'ऐसे तो नहीं चलेगा...', INDIA गठबंधन की बैठक में ही भड़के वाम दल

Edited By Updated: 20 Jul, 2025 05:54 PM

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संसद के मानसून सत्र से पहले विपक्षी INDIA गठबंधन के 24 दलों की वर्चुअल बैठक शनिवार को हुई। लेकिन इस बैठक से ठीक पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक बयान ने गठबंधन में फूट की आहट पैदा कर दी है। दरअसल, केरल के कोट्टायम में राहुल गांधी ने RSS और CPM...

नेशनल डेस्क: संसद के मानसून सत्र से पहले विपक्षी INDIA गठबंधन के 24 दलों की वर्चुअल बैठक शनिवार को हुई। लेकिन इस बैठक से ठीक पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक बयान ने गठबंधन में फूट की आहट पैदा कर दी है। दरअसल, केरल के कोट्टायम में राहुल गांधी ने RSS और CPM दोनों से लड़ने की बात कही थी, जिस पर वामपंथी दलों ने कड़ी नाराज़गी जताई और बैठक में इस मुद्दे को उठाया।

राहुल गांधी ने क्या कहा?
राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा था, "मैं RSS और CPI(M) दोनों से वैचारिक लड़ाई लड़ता हूं। मेरी सबसे बड़ी शिकायत यह है कि इनमें लोगों के लिए कोई संवेदना नहीं है। आप कितनी भी बातें करें, लेकिन जब तक आप लोगों को महसूस नहीं करते, गले नहीं लगाते, तब तक आप नेता नहीं बन सकते।" उनके इस बयान से केरल में कांग्रेस की पुरानी सहयोगी CPM (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया-मार्क्सवादी) नाराज़ हो गई।

CPM का तीखा पलटवार: "न केवल अनुचित बल्कि निंदनीय"
CPI के वरिष्ठ नेता डी. राजा ने विपक्षी गठबंधन की बैठक के दौरान राहुल गांधी का नाम लिए बिना ही उनके बयान पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि ऐसे बयान वामपंथी कार्यकर्ताओं में गलत संदेश भेजते हैं और इनसे बचना चाहिए।

CPM की ओर से भी बयान जारी कर कहा गया, "राहुल गांधी ने जो RSS और CPM की तुलना की है, वह न केवल अनुचित बल्कि निंदनीय भी है। उन्हें यह याद रखना चाहिए कि केरल में RSS के खिलाफ सबसे मुखर लड़ाई CPM ही लड़ रही है। कांग्रेस और RSS अक्सर एक जैसी भाषा बोलते हैं, खासकर जब वे कम्युनिस्टों पर हमला करते हैं।"

पार्टी सांसद जॉन ब्रिट्टास ने भी ANI से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी का बयान 'दुर्भाग्यपूर्ण' है और इससे विपक्षी एकता को नुकसान पहुंचेगा। उन्होंने कहा, "हम RSS के खिलाफ लगातार संघर्षरत रहे हैं। राहुल गांधी को ऐसे गैरजिम्मेदार और असंवेदनशील बयान देने से बचना चाहिए।"

विपक्षी एकजुटता पर सवाल
राहुल गांधी का यह बयान ऐसे समय आया है जब INDIA गठबंधन संसद के मानसून सत्र से पहले अपनी रणनीति बनाने में जुटा है। इस बैठक में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, राजद, समाजवादी पार्टी, एनसीपी (शरद पवार गुट), शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), झामुमो, सीपीआई, सीपीएम, फॉरवर्ड ब्लॉक, आईयूएमएल, केरल कांग्रेस समेत 24 दलों ने हिस्सा लिया। वहीं, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी इस बैठक से अनुपस्थित रही।

इस बैठक में शामिल नेताओं ने पहलगाम आतंकी हमले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच सीज़फायर की मध्यस्थता के दावों, और बिहार में चल रही विशेष मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया जैसे मुद्दों को संसद में उठाने का निर्णय लिया। विपक्षी नेताओं ने साथ ही विदेश नीति की 'विफलता', गाज़ा में 'अत्याचार', और देश में अनुसूचित जाति/जनजाति, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे 'हमलों' को भी प्रमुख मुद्दा बनाने का संकल्प लिया।

दरअसल, कांग्रेस और CPM के बीच केरल में लंबे समय से राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता रही है। लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर दोनों दल भाजपा और RSS के खिलाफ एकजुट दिखने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में राहुल गांधी का यह बयान विपक्षी एकता को लेकर असहज सवाल खड़े करता है। अब देखना होगा कि संसद सत्र में विपक्ष इन मतभेदों को किनारे रखकर सरकार के खिलाफ एकजुट हो पाता है या नहीं।

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