Edited By Anu Malhotra,Updated: 04 Apr, 2022 11:42 AM
राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के विधायक डेरेक ओ ब्रायन ने सोमवार को कहा कि उन्होंने उच्च सदन में महिला आरक्षण विधेयक लाने के उद्देश्य से एक प्रस्ताव पेश करने के लिए नोटिस दिया है।
नई दिल्ली: राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के विधायक डेरेक ओ ब्रायन ने सोमवार को कहा कि उन्होंने उच्च सदन में महिला आरक्षण विधेयक लाने के उद्देश्य से एक प्रस्ताव पेश करने के लिए नोटिस दिया है। उन्होंने कहा कि सभी प्रमुख राजनीतिक दलों में तृणमूल कांग्रेस (TMC) में महिला सांसदों का प्रतिशत सबसे अधिक है। ब्रायन ने कहा कि विधेयक पेश करने के प्रस्ताव के वास्ते नियम 168 के तहत नोटिस दिया गया है।
तृणमूल कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया कि 56 इंच वाले, भारत के प्रधानमंत्री की सरकार को खुली चुनौती। लंबे समय से लंबित महिला आरक्षण विधेयक इसी हफ्ते 8 अप्रैल से पहले राज्यसभा में पेश करें। अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस द्वारा नियम 168 के तहत लाए जाने वाले प्रस्ताव को स्वीकार करें तथा मतदान के लिए रखें। नियम 168 सदस्यों को जनहित से जुड़े मुद्दों को उठाने की अनुमति देता है। महिला आरक्षण विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीट आरक्षित करने का प्रस्ताव है।
सभी प्रमुख दलों की महिला सांसदों का प्रतिशत-वार विवरण साझा करते हुए, डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस में सबसे अधिक 37 प्रतिशत महिला सांसद हैं, जबकि भाजपा में महिला सांसदों की संख्या केवल 13 प्रतिशत हैं। महिला आरक्षण विधेयक पहली बार 1996 में देवेगौड़ा के नेतृत्व वाली संयुक्त मोर्चा सरकार ने लोकसभा में पेश किया था। इसके बाद विधेयक को तीन बार 1988, 1999 और 2008 में पेश किया गया। 2008 में, इसे राज्यसभा में पेश किया गया था और स्थायी समिति द्वारा जांच के बाद, इसे 2010 में उच्च सदन में पारित कर लोकसभा को भेजा गया था। बहरहाल, 2014 में 15वीं लोकसभा का कार्यकाल पूरा होने पर इसकी समाप्ति के साथ ही विधेयक व्यपगत (स्वत: समाप्त) हो गया था।