UPI New Rules : 1 August से बदल जाएंगे UPI के सारे नियम, PhonePe, Google Pay, Paytm यूजर्स के लिए अलर्ट जारी

Edited By Updated: 25 Jul, 2025 03:04 PM

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देश में डिजिटल पेमेंट्स का सबसे लोकप्रिय जरिया बन चुका UPI अब और अधिक सुरक्षित और स्मार्ट बनने जा रहा है। 1 अगस्त 2025 से नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की ओर से कुछ बड़े बदलाव लागू किए जा रहे हैं, जो सीधे आपके रोजमर्रा के ट्रांजैक्शन को...

नई दिल्ली: देश में डिजिटल पेमेंट्स का सबसे लोकप्रिय जरिया बन चुका UPI अब और अधिक सुरक्षित और स्मार्ट बनने जा रहा है। 1 अगस्त 2025 से नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की ओर से कुछ बड़े बदलाव लागू किए जा रहे हैं, जो सीधे आपके रोजमर्रा के ट्रांजैक्शन को प्रभावित करेंगे।

अगर आप Google Pay, PhonePe या Paytm जैसे ऐप्स से दिनभर में कई बार भुगतान, बैलेंस चेक या ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक करते हैं, तो ये बदलाव आपके लिए बेहद जरूरी हैं।

क्यों हुए ये बदलाव?
भारत में हर महीने 16 अरब से ज्यादा UPI ट्रांजैक्शन हो रहे हैं। इतनी बड़ी संख्या में लेन-देन होने के चलते सर्वर पर भारी लोड पड़ता है। इससे कई बार ट्रांजैक्शन फेल, देरी या तकनीकी गड़बड़ियों की शिकायतें आती हैं। इन्हीं समस्याओं को कम करने के लिए NPCI ने 7 नए नियम लागू करने का फैसला लिया है।

1. बैलेंस चेक की लिमिट
अब आप एक दिन में 50 बार से ज्यादा अपने बैंक बैलेंस नहीं चेक कर पाएंगे। लगातार बैलेंस चेक करने से सिस्टम पर लोड बढ़ता है और बाकी ट्रांजैक्शन भी धीमे हो जाते हैं।

2. लिंक्ड बैंक अकाउंट्स देखने की सीमा
किसी मोबाइल नंबर से जुड़े बैंक अकाउंट्स को एक दिन में केवल 25 बार ही देखा जा सकेगा। यह कदम सिस्टम की स्पीड बढ़ाने और फ्रॉड की संभावना को कम करने के लिए उठाया गया है।

3. ऑटोपे अब तय समय पर
नेटफ्लिक्स, म्यूचुअल फंड SIP जैसी सेवाओं की ऑटोपे पेमेंट अब तीन विशेष टाइम स्लॉट्स में ही प्रोसेस की जाएंगी:
सुबह 10 बजे से पहले
दोपहर 1 बजे से 5 बजे के बीच
रात 9:30 बजे के बाद
इससे ट्रांजैक्शन के पीक टाइम में सर्वर का लोड घटेगा।

4. ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक पर ब्रेक
अगर आपका कोई ट्रांजैक्शन फेल हो गया है, तो उसका स्टेटस आप दिन में केवल तीन बार ही चेक कर पाएंगे, और हर बार के बीच में कम से कम 90 सेकंड का गैप रखना होगा।

5. पेमेंट से पहले दिखेगा रिसीवर का बैंक नाम
अब हर पेमेंट से पहले, रिसीवर का रजिस्टर्ड बैंक का नाम दिखेगा। यह नियम 30 जून से ही लागू हो चुका है और इसका मकसद गलत अकाउंट में पैसा भेजने से रोकना है।

6. चार्जबैक की सीमा
अगर आप किसी ट्रांजैक्शन पर रिफंड या चार्जबैक मांगना चाहते हैं, तो अब इसकी भी लिमिट तय है।
30 दिन में अधिकतम 10 बार
किसी एक व्यक्ति/सर्विस पर अधिकतम 5 बार

7. बैंकों और ऐप्स को भी मिली सख्त हिदायत
NPCI ने सभी बैंक और UPI ऐप्स को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे अपने API ट्रैफिक को मॉनिटर करें और सिस्टम पर अनावश्यक लोड न बनने दें।

क्या करें UPI यूजर्स?
बेवजह बार-बार बैलेंस चेक न करें
फेल ट्रांजैक्शन का स्टेटस चेक करने में संयम रखें
ऑटोपे की टाइमिंग को ध्यान में रखें
रिसीवर का बैंक नाम देखकर ही पेमेंट कन्फर्म करें

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