Edited By Tanuja,Updated: 02 Dec, 2020 12:23 PM
अमेरिका के एक संसदीय पैनल ने खुलासा किया है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के पीछे ...
लॉस एंजलिसः अमेरिका के एक संसदीय पैनल ने खुलासा किया है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के पीछे शी जिनपिंग सरकार की साजिश थी । अमेरिकी संसद कांग्रेस की एक शीर्ष समिति की इस वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक चीन दक्षिण एशिया में अपना दबदबा कायम करना चाहता है और इसलिए ही वह भारतीय सेना को कमजोर करने के अभियान में लगा हुआ है। गलवान के अलावा अब चीन की नज़र भूटान पर भी है और यहां एक गांव बसाने के अलावा PLA ने 12 किलोमीटर भीतर बस्तियां भी बसा दी हैं।
नेक नहीं चीन का इरादा
रिपोर्ट के मुताबिक चीन के इरादे नेक नहीं हैं। गलवान में इस हिंसा का मकसद चीन का अपने पड़ोसी देशों के खिलाफ 'जोर-जबरदस्ती' अभियान को तेज करना था। अमेरिका के चीन आर्थिक और सुरक्षा समीक्षा आयोग (USCC) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा, ' साक्ष्य बताते हैं कि चीन सरकार ने इस हमले की साजिश रची और इसमें सैनिकों की हत्या की संभावना भी शामिल है। USCC की स्थापना वर्ष 2000 में हुई थी जो अमेरिका और चीन के बीच में राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यापार के मुद्दों की जांच करता है। यह अमेरिकी कांग्रेस को चीन के खिलाफ विधायी और प्रशासनिक कार्रवाई की सिफारिश भी करता है।
सैटलाइट तस्वीरों से भी हो चुका खुलासा
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन सरकार के वास्तविक नियंत्रण रेखा पर इस उकसावे वाले कदम को उठाने के पीछे का ठीक-ठीक कारण अभी इस साल पता नहीं चल पाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गलवान हिंसा से कुछ सप्ताह पहले ही चीन के रक्षा मंत्री वेई ने अपने जवानों को स्थिरता लाने के लिए युद्ध करने को उत्साहित किया था। इसके अलावा चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भी कहा था कि अगर भारत अमेरिका-चीन प्रतिद्वंदिता में शामिल होता है तो उसे व्यापार और आर्थिक मोर्चे पर करारा जवाब दिया जाएगा। इसके अलावा गलवान हिंसा से कुछ सप्ताह पहले ही सैटलाइट से मिली तस्वीरों में दिखाई दिया था कि चीन ने इस हिंसा से ठीक पहले एक हजार जवानों को तैनात किया था। बता दें कि गलवान घाटी में चीन के सैनिकों ने रात के अंधेरे में भारतीय सैनिकों पर कायराना हमला किया था जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।
अगला शिकार भूटान
चीन का अगला शिकार भूटान बन रहा है। ड्रैगन ने भूटान की जमीन पर बॉर्डर से 12 किलोमीटर अंदर अपनी दूसरी नागरिक बस्तियों को बसा लिया है। सिलीगुड़ी कॉरिडोर के नजदीक स्थित चीन की इस बस्ती के कारण भारत की भी चिंता बढ़ गई है। इस कॉरिडोर को चिकन नेक के नाम से भी जाना जाता है, जो पूर्वोत्तर से शेष भारत को कनेक्ट करने का महत्वपूर्ण हिस्सा है। मार्च-जून 2017 में डोकलाम स्टैंडऑफ के दौरान चीन ने बड़े पैमाने पर भूटान की जमीन कब्जा करने का प्रयास किया था लेकिन, तब भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई के कारण चीन को पीछे हटना पड़ा था। अब हाल में ली गई सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीन ने भूटान की सीमा के अंदर सड़क और नागरिक बस्तियों का निर्माण किया है। सैटेलाइट तस्वीरों से यह स्पष्ट हो रहा है कि चीन ने भूटान की अमो चू नदी के साथ लगने वाली जमीन का बड़ा हिस्सा हड़प लिया है।