Edited By Parveen Kumar,Updated: 01 Sep, 2025 12:02 AM

अंतरिक्ष अनुसंधान और रॉकेट प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनियाभर में तेजी से प्रगति हो रही है। कई देश अपने ताकतवर रॉकेटों के जरिए अंतरिक्ष में अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में यह जानना दिलचस्प है कि वर्तमान में दुनिया का सबसे शक्तिशाली...
नेशनल डेस्क: अंतरिक्ष अनुसंधान और रॉकेट प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनियाभर में तेजी से प्रगति हो रही है। कई देश अपने ताकतवर रॉकेटों के जरिए अंतरिक्ष में अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में यह जानना दिलचस्प है कि वर्तमान में दुनिया का सबसे शक्तिशाली रॉकेट किस देश के पास है और इस दौड़ में भारत तथा जापान कहां खड़े हैं।
अमेरिका के पास दुनिया का सबसे ताकतवर रॉकेट
वर्तमान में, दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट का खिताब अमेरिका के पास है। एलन मस्क की निजी अंतरिक्ष कंपनी स्पेसएक्स ने अपने सबसे ताकतवर रॉकेट 'स्टारशिप' का 10वां सफल परीक्षण करके एक बार फिर दुनिया को चौंका दिया है। स्पेसएक्स का लक्ष्य है कि इस रॉकेट का इस्तेमाल धरती पर एक जगह से दूसरी जगह बहुत तेजी से यात्रा करने के लिए किया जाए। इसके अलावा, इसका उपयोग आर्टेमिस प्रोग्राम के तहत चाँद पर इंसानों को भेजने और भविष्य में मंगल ग्रह पर मानव मिशन भेजने के लिए भी किया जा सकता है।
भारत की स्थिति: जीएसएलवी मार्क III (LVM-3)
भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) ने पिछले कुछ दशकों में अंतरिक्ष विज्ञान में काफी प्रगति की है। भारत का सबसे ताकतवर रॉकेट जीएसएलवी मार्क III (LVM-3) है, जो भारी उपकरणों को अंतरिक्ष में ले जाने की क्षमता रखता है। इसी रॉकेट से चंद्रयान-3 और आदित्य-एल1 जैसे महत्वपूर्ण मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। वैश्विक स्तर पर, भारत का यह रॉकेट काफी शक्तिशाली है, लेकिन अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों के रॉकेटों की तुलना में इसकी क्षमता थोड़ी कम है। वैश्विक रैंकिंग में भारत पांचवें से सातवें स्थान के बीच आता है।
जापान की स्थिति: एच3 (H3) रॉकेट
जापान की अंतरिक्ष एजेंसी जाक्सा (JAXA) का सबसे उन्नत रॉकेट H3 है। यह रॉकेट 6.5 मीट्रिक टन तक के पेलोड को भूस्थिर स्थानांतरण कक्षा (GTO) में ले जा सकता है। जापान ने हाल के वर्षों में अपनी अंतरिक्ष तकनीक को काफी मजबूत किया है, लेकिन भारत के जीएसएलवी मार्क III (LVM-3) की तुलना में इसकी क्षमता थोड़ी कम है। वैश्विक रैंकिंग में, जापान का एच3 रॉकेट भारत के एलवीएम-3 के करीब है, लेकिन भारत से थोड़ा पीछे सातवें से नौवें स्थान के बीच आता है।
संक्षेप में कहें तो, फिलहाल अंतरिक्ष रॉकेट की शक्ति में अमेरिका सबसे आगे है, जबकि भारत और जापान जैसे देश भी इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में लगातार अपनी जगह बना रहे हैं।