Edited By Mehak,Updated: 10 Sep, 2025 12:53 PM

दुनिया भर में मोटापा अब एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बन चुका है। इसे नियंत्रित करने के लिए बाजार में कई तरह की दवाइयां उपलब्ध हैं। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन दवाइयों को अपनी Model List of Essential Medicines (EML) में जगह दी है। यह फैसला न...
नेशनल डेस्क : दुनिया भर में मोटापा अब एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बन चुका है। इसे नियंत्रित करने के लिए बाजार में कई तरह की दवाइयां उपलब्ध हैं। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन दवाइयों को अपनी Model List of Essential Medicines (EML) में जगह दी है। यह फैसला न सिर्फ हेल्थकेयर सेक्टर बल्कि आम लोगों की जिंदगी पर भी असर डाल सकता है।
WHO की Essential Medicines List क्यों अहम है?
WHO की यह सूची 150 से ज्यादा देशों में अपनाई जाती है, जिनमें भारत भी शामिल है। इस लिस्ट में आने वाली दवाइयों को खरीदने, सप्लाई करने और हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम से जोड़ने में आसानी होती है। अगर भारत इस लिस्ट को अपनाता है, तो इन महंगी दवाइयों की कीमतों में भारी कमी आ सकती है और ज्यादा लोगों तक इनकी पहुंच हो सकेगी।
भारत में इन दवाइयों की मौजूदा कीमतें
- Wegovy (Semaglutide): 17,000 से 26,000 रुपये प्रति माह।
- Mounjaro (Tirzepatide): 14,000 से 27,000 रुपये प्रति माह। इसमें शीशियां थोड़ी सस्ती हैं, लेकिन प्री-फिल्ड Kwikpens महंगे हैं।
WHO की राय क्या है?
- इन दवाइयों की कीमत बहुत ज्यादा है, जिससे आम लोगों तक इनकी पहुंच मुश्किल हो रही है।
- इनका सबसे ज्यादा फायदा उन्हीं लोगों को मिलना चाहिए जिन्हें वास्तव में जरूरत है।
- कीमत घटाने के लिए जेनेरिक दवाइयों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
- प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं (Primary Healthcare) में भी इन दवाइयों की उपलब्धता जरूरी है, खासकर उन जगहों पर जहां मेडिकल सुविधाएं कम हैं।
भारत में मोटापे का बढ़ता संकट
- 1990 में भारत में करीब 53 मिलियन लोग ओवरवेट या मोटापे से ग्रसित थे।
- 2021 तक यह संख्या बढ़कर 235 मिलियन हो चुकी है।
- अनुमान है कि अगर अभी कदम नहीं उठाए गए तो 2040 तक यह संख्या 520 मिलियन तक पहुंच सकती है।
WHO की क्या है योजना?
WHO का ध्यान सिर्फ मोटापा और डायबिटीज पर नहीं है। वह कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली immune checkpoint inhibitors जैसी महंगी दवाइयों को भी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना चाहता है।
भारत के लिए नई उम्मीद
भारत जैसे देश में जहां हर साल मोटापे और डायबिटीज के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं, WHO का यह कदम राहत ला सकता है। अगर भारत इस सूची को अपनाता है, तो न सिर्फ दवाइयां सस्ती होंगी बल्कि लाखों लोगों को इनसे फायदा भी मिलेगा।