World Food India 2025 का ऐतिहासिक समापन, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को मिला ₹1.02 लाख करोड़ का रिकॉर्ड निवेश

Edited By Updated: 29 Sep, 2025 07:05 PM

world food india 2025 investment record

वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 का समापन ₹1.02 लाख करोड़ के रिकॉर्ड निवेश के साथ हुआ। 26 घरेलू और वैश्विक कंपनियों ने डेयरी, मसाला, पैकेज्ड फूड्स और RTE सेगमेंट में MoUs किए। यह निवेश 64,000 प्रत्यक्ष और 10 लाख अप्रत्यक्ष नौकरियाँ पैदा करेगा। गुजरात,...

नेशनल डेस्क: वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 का समापन खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ हुआ है। चार दिवसीय इस आयोजन में 26 वैश्विक और घरेलू दिग्गजों की ओर से ₹1.02 लाख करोड़ के निवेश की प्रतिबद्धता हासिल हुई, जो भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा वित्तीय निवेश है।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम ने डेयरी, मांस, पैकेजेड फूड्स, पेय पदार्थ, मसाला और रेडी-टू-ईट (RTE) सेगमेंट में साझेदारी को बढ़ावा दिया। यह निवेश पूरे देश में 64,000 से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियाँ पैदा करने और अप्रत्यक्ष रोजगार के माध्यम से 10 लाख से अधिक लोगों को लाभान्वित करने के लिए तैयार है।

इन बड़ी कंपनियों ने किए समझौते
समझौता ज्ञापन (MoUs) पर हस्ताक्षर करने वाली प्रमुख कंपनियों में रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड, द कोका-कोला सिस्टम इन इंडिया, नेस्ले इंडिया लिमिटेड, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड, कार्ल्सबर्ग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, पतंजलि फूड्स लिमिटेड, और अमूल शामिल हैं। विदेशी और भारतीय खिलाड़ियों ने मादक और गैर-मादक पेय पदार्थ, खाद्य तेल, कन्फेक्शनरी, मसाले और प्रसंस्कृत फल और सब्जियां जैसी श्रेणियों में परिवर्तनकारी परियोजनाओं के लिए प्रतिबद्धता जताई है।

निवेश का व्यापक भौगोलिक प्रसार
इस निवेश का फुटप्रिंट 20 भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैला हुआ है। इनमें गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, असम, ओडिशा और जम्मू और कश्मीर जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इस भौगोलिक वितरण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लाभ देश के कोने-कोने में किसानों, उद्यमियों और ग्रामीण समुदायों तक पहुँचे।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, "ये समझौता ज्ञापन भारत की कृषि-खाद्य अर्थव्यवस्था के लिए एक नए युग का संकेत देते हैं। ये समावेशी विकास और नवाचार को बढ़ावा देते हुए भारत को खाद्य प्रसंस्करण के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के हमारे मिशन के अनुरूप हैं।"

हल्दीराम स्नैक्स फूड प्राइवेट लिमिटेड, डाबर इंडिया लिमिटेड, गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड, लुलु ग्रुप की फेयर एक्सपोर्ट्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड और ओलम फूड इंग्रीडिएंट्स जैसी कंपनियों ने फूड पार्क स्थापित करने से लेकर आपूर्ति श्रृंखलाओं के आधुनिकीकरण तक विविध परियोजनाओं का संकल्प लिया है।

MoFPI ने इस बात पर जोर दिया कि वह घोषित परियोजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों के साथ सक्रिय रूप से काम करेगा, जो वैश्विक खाद्य प्रणालियों को आकार देने में भारत के एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में उभरने की पुष्टि करता है। इस पूरे आयोजन में सरकारी निवेश संवर्धन और सुविधा एजेंसी इन्वेस्ट इंडिया ने मंत्रालय का सहयोग किया।

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