यमुना की बाढ़ से तबाही: फसलें बर्बाद, घर उजड़े, भोजन के लिए लंबी कतारें... पीड़ितों की दर्दभरी दास्तान

Edited By Updated: 05 Sep, 2025 01:21 PM

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दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने के बाद बाढ़ राहत शिविरों में रह रहे लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। राहत शिविरों में सिर्फ चावल मिल रहा है, जो बीमार लोगों के लिए पर्याप्त नहीं है। बाढ़ में कई लोगों के घर और फसलें पूरी तरह नष्ट हो...

नेशनल डेस्क: राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर शुक्रवार सुबह घटकर 207.31 मीटर दर्ज किया गया, जो गुरुवार को इस मौसम का उच्चतम स्तर 207.48 मीटर तक पहुंच गया था। हालांकि जलस्तर में मामूली गिरावट आई है, लेकिन बाढ़ राहत शिविरों में रह रहे विस्थापित परिवारों की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं।

भोजन के लिए लंबी कतारें, सिर्फ चावल का सहारा
दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने के बाद विस्थापित परिवारों के लिए बनाए बाढ़ राहत शिविरों के पास जैसे ही खाने की सामग्री लेकर पहुंचे ट्रक का हॉर्न बजता है, बच्चे और महिलाएं भोजन लेने के लिए कतार में लग जाती हैं। यमुना खादर निवासी शांति ने कहा, ‘‘हमें रात में मच्छरों के कारण बहुत परेशानी होती है। यहां तक कि हमें जो खाना मिलता है, उसमें भी ज़्यादातर चावल ही होता है। जिन लोगों को बुखार है, वे सिर्फ चावल कैसे खा पाएंगे?''

‘मेरे सारे खेत पानी में डूब गए हैं'
खेती करने वाले राम किशन ने बताया कि फसल बर्बाद होने के बाद उनके परिवार के पास आजीविका का कोई साधन नहीं बचा है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे सारे खेत पानी में डूब गए हैं। इस साल की पूरी फसल बर्बाद हो गई है और मेरा परिवार पूरी तरह से उसी पर निर्भर था।'' मयूर विहार फेज-1 के राहत शिविर में घूमने से पता चला कि लोग जो कुछ भी बचा पा रहे हैं, उसे बचाकर रखने की कोशिश कर रहे हैं। छह महीने के बच्चे की मां पूनम के लिए यह संघर्ष अलग तरह का है।

उसने कहा, ‘‘इस तरह खुले आसमान के नीचे छोटे बच्चे के साथ रहना बहुत मुश्किल है। यहां न तो कोई निजता है, न ही कोई आराम और हम बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर लगातार चिंतित रहते हैं।'' सड़क के किनारे बर्तन, गद्दे और लकड़ी की चारपाईयां रखी थीं। कुछ बच्चे पास में खेल रहे थे, जबकि बुज़ुर्ग लोग समूहों में बैठे अपने नुकसान के बारे में बातें कर रहे थे। यमुना खादर के एक और निवासी राजेश ने कहा कि बाढ़ ने उनके पास लौटने के लिए कुछ भी नहीं छोड़ा है।

"घर डूबा, सामान बहा, कर्ज़ चुकाने की चिंता"
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा घर अब भी पानी में डूबा हुआ है और मेरा ज़्यादातर सामान बह गया है। मैंने पिछले साल मरम्मत के लिए पैसे उधार लिए थे और अब सब कुछ फिर से बह गया है। मुझे नहीं पता कि मैं कर्ज़ कैसे चुकाऊंगा।'' बहरहाल, दिल्ली के पुराने रेलवे पुल पर यमुना नदी का जलस्तर शुक्रवार सुबह आठ बजे घटकर 207.31 मीटर हो गया, जबकि एक दिन पहले यह इस मौसम में सर्वाधिक 207.48 मीटर पर पहुंच गया था।

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