सावधान! YouTube पर हर 5वां वीडियो फेक, इंटरनेट पर छाया नया संकट! सीधा दिमाग पर पड़ रहा इसका असर

Edited By Updated: 30 Dec, 2025 02:16 PM

youtube s ai slop is on the rise 1 in 5 videos is fake

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में Sora और Veo जैसे वीडियो टूल्स ने क्रांति तो ला दी है लेकिन अब इंटरनेट पर AI स्लॉप (AI Slop) या ब्रेनरॉट (Brainrot) कंटेंट की बाढ़ आ गई है। वीडियो एडिटिंग प्लेटफॉर्म Kapwing की हालिया रिपोर्ट के अनुसार यूट्यूब...

AI Alert : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में Sora और Veo जैसे वीडियो टूल्स ने क्रांति तो ला दी है लेकिन अब इंटरनेट पर AI स्लॉप (AI Slop) या ब्रेनरॉट (Brainrot) कंटेंट की बाढ़ आ गई है। वीडियो एडिटिंग प्लेटफॉर्म Kapwing की हालिया रिपोर्ट के अनुसार यूट्यूब पर मौजूद लगभग 21% कंटेंट अब इसी श्रेणी में आता है जो देखने में तो ठीक लगता है पर असल में बेमतलब और मशीनी होता है।

कैसे हुई एआई कचरे की पहचान?

Kapwing ने यह समझने के लिए एक नया यूट्यूब अकाउंट बनाया कि प्लेटफॉर्म का एल्गोरिदम बिना किसी पिछले डेटा के यात्रियों को क्या परोसता है। लगातार 500 यूट्यूब शॉर्ट्स (Shorts) देखे गए। शुरुआती कुछ वीडियो सामान्य थे लेकिन 500 में से 104 वीडियो पूरी तरह एआई द्वारा तैयार किए गए थे। इनमें अक्सर अजीबोगरीब कहानियां या बेतुके दृश्य दिखाए जाते हैं।

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कौन सा देश देख रहा है सबसे ज्यादा एआई कंटेंट?

रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं कि किन देशों में एआई जेनरेटेड कंटेंट को सबसे ज्यादा पसंद (कंज्यूम) किया जा रहा है:

रैंक देश कुल व्यूज (एआई स्लॉप) टॉप चैनल का नाम
1 दक्षिण कोरिया 8.25 अरब Three Minutes Wisdom
2 पाकिस्तान 5.34 अरब -
3 अमेरिका 3.39 अरब Cuentos Facientes

दक्षिण कोरिया का Three Minutes Wisdom चैनल अकेले 2 अरब से ज्यादा व्यूज बटोर चुका है। यहां अक्सर ऐसे वीडियो दिखाए जाते हैं जिनमें पालतू जानवर जंगल के खूंखार जानवरों को हरा देते हैं—जो पूरी तरह काल्पनिक और एआई निर्मित होते हैं।

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ऑफिस वर्क और इंटरनेट पर एआई का कब्जा

एआई स्लॉप सिर्फ वीडियो तक सीमित नहीं है यह हमारे काम करने के तरीके को भी प्रभावित कर रहा है:

  • लिखित कंटेंट: मई 2025 तक इंटरनेट पर मौजूद 50% से ज्यादा लिखित सामग्री एआई द्वारा लिखी गई मानी जा रही है।

  • ऑफिस का काम: अमेरिका में 10 में से 4 कर्मचारी प्रोफेशनल कामों में एआई स्लॉप का सामना कर रहे हैं। यह ऐसा कंटेंट है जो दिखता तो प्रोफेशनल है लेकिन असल में उसमें कोई काम की बात (Value) नहीं होती। आईटी और कंसल्टिंग सेक्टर इससे सबसे ज्यादा परेशान हैं।

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टिकटॉक (TikTok) ने शुरू की जंग

यूट्यूब पर बढ़ते इस कचरे के बीच टिकटॉक ने कुछ सख्त कदम उठाए हैं। टिकटॉक ने नए टूल्स लॉन्च किए हैं जो:

  1. वीडियो को AI Generated के रूप में लेबल करते हैं।

  2. यूजर्स को यह विकल्प देते हैं कि वे अपने फीड में ऐसे वीडियो को कम या पूरी तरह बंद कर सकें।

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भविष्य की चुनौती

एआई ने वीडियो बनाना तो आसान कर दिया है लेकिन अब असली और उपयोगी कंटेंट को पहचानना मुश्किल होता जा रहा है। आने वाले समय में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए सबसे बड़ी चुनौती क्वालिटी और भरोसे को बचाए रखने की होगी।

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